बड़खल गांव में मृत मिलीं 15 बकरियां, तेंदुए की अफवाह
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: गांव बड़खल में शुक्रवार सुबह अलग-अलग तीन बाड़ों में 15 बकरियां मृत और तीन घायल मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर बाड़ों के पास एकत्र हुए लोगों ने अनुमान लगाया कि रात में किसी जानवर ने हमला कर बकरियों को मारा है। बातों ही बातों में तेंदुए के हमले की अफवाह फैल गई। मौके पर पहुंची वन्य प्राणी विभाग की टीम ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि तेंदुए ने बकरियों को नहीं मारा है। बकरियों की मौत का कारण जानने के लिए उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया है। हालांकि ग्रामीण मानने को तैयार ही नहीं कि यह हमला तेंदुए ने नहीं किया। तेंदुए की अफवाह से लोग अपनी व परिवार की सुरक्षा के प्रति ¨चतित नजर आए।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : गांव बड़खल में शुक्रवार सुबह अलग-अलग तीन बाड़ों में 15 बकरियां मृत और तीन घायल मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर बाड़ों के पास एकत्र हुए लोगों ने आशंका जताई है कि रात में किसी जानवर ने हमला कर बकरियों को मारा है। बातों ही बातों में तेंदुए के हमले की अफवाह फैल गई। मौके पर पहुंची वन्य प्राणी विभाग की टीम ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि तेंदुए ने बकरियों को नहीं मारा है। बकरियों की मौत का कारण जानने के लिए उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया है। हालांकि ग्रामीण मानने को तैयार ही नहीं कि यह हमला तेंदुए ने नहीं किया। तेंदुए की अफवाह से लोग अपनी व परिवार की सुरक्षा के प्रति ¨चतित नजर आए।
गांव में शहनाज के पास चार, हाजी सलीम के पास 10 व छोटे के पास चार बकरियां हैं। सभी ने करीब 12 फुट ऊंची चहारदीवारी कर बकरियों के बाड़े बनाए हुए हैं। रात में उन्होंने बकरियों को बाड़ों में बंद कर दिया था। सुबह 15 बकरियां मृत मिलीं और तीन बुरी तरह घायल थीं। बकरियों की गर्दन, पेट व पीठ पर चोट के निशान थे। कुछ बकरियों की गर्दन में सुआ जैसा मारने के गहरे घाव मिले हैं। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि रात में उन्होंने अपनी छत से गली में तीन-चार जानवर देखे थे। अंधेरा होने के कारण वे ठीक से नहीं पहचान सके कि वे कौन से जानवर थे। वन्य प्राणी विभाग ने इन कारणों से कहा यह तेंदुए का काम नहीं :
-तेंदुआ घात लगाकर शिकार करता है। वह एक साथ सभी बकरियों पर हमला नहीं करता। एक बकरी को मारकर वहां से ले जाता और एकांत में बैठकर खाता।
-कुछ ग्रामीणों ने रात में तीन-चार जानवरों को गली में देखने की बात कही है। तेंदुआ झुंड में नहीं चलता। वह अकेला रहता है।
-कुछ बकरियों जो मृत पड़ी मिलीं, अगर तेंदुआ होता तो मारने के बाद खाता जरूर।
-बड़े जानवरों का बकरियों को आभास हो जाता है, उन्हें देखकर वे तेजी से मिमियाना शुरू कर देती हैं, मगर यहां ऐसा नहीं हुआ। यह लगभग तय है कि यह तेंदुए का काम नहीं है। आशंका है कि गीदड़ या कुत्तों ने बकरियों पर हमला किया। यह किसी सिरफिरे व्यक्ति का भी काम हो सकता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
-राजेंद्र ¨सह, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग।