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कृष्णपाल गुर्जर फिर बने मोदी के सूरमा

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर एक बार फिर फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी होंगे। दैनिक जागरण ने इस बारे में 19 मार्च को ही जानकारी दे दी थी कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुर्जर के नाम पर मुहर भी लगा दी है। 22 मार्च को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने फरीदाबाद से कृष्ण पाल गुर्जर का नाम ही नाम रखा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:26 AM (IST)
कृष्णपाल गुर्जर फिर बने मोदी के सूरमा
कृष्णपाल गुर्जर फिर बने मोदी के सूरमा

सुशील भाटिया, फरीदाबाद : केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर एक बार फिर फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी होंगे।  दैनिक जागरण ने इस बारे में 19 मार्च को ही जानकारी दे दी थी कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुर्जर के नाम पर मुहर भी लगा दी है। 22 मार्च को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने फरीदाबाद से  कृष्ण पाल गुर्जर का ही नाम रखा। इस पर संसदीय बोर्ड ने भी मुहर लगा दी थी। इस सीट पर गुर्जर के नाम की घोषणा भी पार्टी की रणनीति के चलते रोकी गई थी। वैसे इस सीट पर पार्टी के किसी अन्य नेता ने आवेदन भी नहीं किया था।

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वर्ष 2014 में हुए चुनाव में कृष्ण पाल गुर्जर ने सबसे अधिक वोट प्राप्त करने का रेकॉर्ड बनाया था और कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को पराजित कर फरीदाबाद के 11वें सांसद बने थे और फिर मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री बने। कृष्णपाल गुर्जर ने कुल 6 लाख 52 हजार 516 वोट प्राप्त किए थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना ने कुल 1 लाख 85 हजार 643 वोट प्राप्त किए थे। कृष्णपाल गुर्जर ने 4 लाख 66 हजार 873 वोटों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले कृष्णपाल गुर्जर वर्ष 1996 में मेवला महाराजपुर से दिग्गज गुर्जर नेता महेंद्र प्रताप सिंह को चुनाव में पराजित करते हुए न सिर्फ विधायक बने थे, बल्कि मुख्यमंत्री बंसी लाल की सरकार में परिवहन मंत्री भी बने थे। कृष्णपाल ने फिर 2000 में भी महेंद्र प्रताप सिंह को हराया था और 2009 में जब परिसीमन हुआ तथा मेवला महाराजपुर के नाम से विधानसभा सीट खत्म करके तिगांव बनी, तो कृष्णपाल गुर्जर ने तब ललित नागर को हराकर तीसरी बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया था। कृष्णपाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने थे और उन्होंने सूरजकुंड में राष्ट्रीय परिषद की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित करा कर पार्टी के शीर्ष नेताओं में अलग स्थान बनाया था। अब एक बार फिर कृष्णपाल गुर्जर पर भरोसा जता कर उन्हें मोदी के सूरमा के रूप में मैदान में पार्टी ने उतारा है। चुनावी रण क्षेत्र में कृष्णपाल गुर्जर के सामने कांग्रेस की ओर से कौन होंगे, यह अभी तय होना बाकी है।


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