हत्या के बाद महिला का शव सेफ्टी टैंक में डाला
फरीदाबाद के पल्ला थाना क्षेत्र में 6 मार्च से लापता 24 वर्षीय महिला का मामला में मिसिग सेल ने सुलझा लिया है। महिला की तीन लोगों ने उसी दिन हत्या कर दी थी। शव मकान के सेफ्टी टैंक में डालकर ऊपर से ढक्कन लगा दिया था। पुलिस ने शव बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : पल्ला थाना क्षेत्र में 6 मार्च से लापता 24 वर्षीय महिला का मामला मिसिग सेल ने सुलझा लिया है। महिला की तीन लोगों ने उसी दिन हत्या कर दी थी। शव मकान के सेफ्टी टैंक में डालकर ऊपर से ढक्कन लगा दिया था। पुलिस ने शव बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतका का नाम अनामिका है। वह इस्माइलपुर में पति श्यामलाल और एक साल के बेटे के साथ रहती थी। अनामिका इसी क्षेत्र में एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ एजेंट के तौर पर काम करती थी। इसके अलावा वह लोगों का जीवन बीमा भी कराती थी।
मिसिग सेल प्रभारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि मोलड़बंद दिल्ली निवासी अंबिका भगत व मधु तिवारी ने चार साल पहले अनामिका से एक प्लॉट बुक कराया था। मधु तिवारी के पति की मौत हो चुकी है। वह मोलड़बंद में अंबिका भगत के साथ रहती है। मधु का करीब 20 साल का बेटा है मनीष। चार साल तक किस्तें भरने के बाद अंबिका और मधु ने अनामिका पर प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, मगर वह टाल-मटोल कर रही थी। इससे दोनों बेहद नाराज थे। उन्होंने अनामिका की हत्या की योजना बनाई। 6 मार्च को दोनों ने जीवन बीमा कराने के बहाने अनामिका को मोलड़बंद में अपने घर बुला लिया। यहां अंबिका, मधु और मनीष ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद घर में बने सेफ्टी टैंक का ढक्कन खोलकर शव उसमें डाल दिया। ऊपर से ढक्कन लगा दिया। वे निश्चित थे कि शव की बदबू बाहर नहीं आएगी और किसी को उन पर संदेह नहीं होगा। पुलिस इस तरह पहुंची आरोपितों तक
शाम तक अनामिका घर नहीं पहुंची तो पति श्यामलाल ने उसके लापता होने की शिकायत पल्ला थाने में दी। पल्ला थाना पुलिस ने जांच के बाद मामला मिसिग सेल को भेज दिया। मिसिग सेल प्रभारी नरेंद्र ने जांच के दौरान साइबर सेल की सहायता ली। जिससे अंबिका और मधु पर शक हुआ। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारी सच्चाई बता दी। पुलिस ने शव बरामद कर लिया। अंबिका, मधु व उसके बेटे मनीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले को सुलझाने में हमारी टीम के एसआइ जगमाल, एएसआइ मनोज कुमार, सिपाही विजय और प्रताप ने अहम भूमिका निभाई। आरोपित मकान छोड़कर भागने की फिराक में थे। अगर जरा भी लापरवाही होती तो मामला सुलझाना बेहद पेचीदा हो जाता।
-नरेंद्र शर्मा, प्रभारी, मिसिग सेल