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गैंगस्टर के नाम पर कारोबारी से रंगदारी मांगने का मामला सुलझा

लारेंस बिश्नोई गिरोह के नाम पर सेक्टर-17 निवासी कारोबारी से रंगदारी मांगने वाले को पुलिस ने गिरप्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 07:59 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 07:59 PM (IST)
गैंगस्टर के नाम पर कारोबारी से 
रंगदारी मांगने का मामला सुलझा
गैंगस्टर के नाम पर कारोबारी से रंगदारी मांगने का मामला सुलझा

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : लारेंस बिश्नोई गिरोह के नाम पर सेक्टर-17 निवासी कारोबारी से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगे जाने का मामला क्राइम ब्रांच सेक्टर-48 ने सुलझा लिया है। रंगदारी के लिए ईमेल करने वालों को सिम उपलब्ध कराने वाले को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। संदीप नाम का यह आरोपित मूलरूप से गांव पातेपुर जिला वैशाली बिहार का निवासी है। यहां गुरुग्राम में खेड़की दौला के पास रहता है। रंगदारी ईमेल करके मांगी गई थी और भुगतान बिटकाइन के जरिये करने को कहा गया था।

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क्राइम ब्रांच प्रभारी राकेश सिंह का कहना है कि रंगदारी मांगने वालों के बारे में जानकारी मिल गई है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जांच में सामने आया है कि आरोपितों का लारेंस बिश्नोई गिरोह के साथ कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कारोबारी को डराने के लिए लारेंस बिश्नोई का नाम ईमेल में लिखा था। कारोबारी ने बताया कि 10 मई को उसके पास एक ईमेल आया था। ईमेल में धमकी देते हुए लिखा था कि पांच लाख रुपये के बिटकाइन उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएं। साथ ही बिटकाइन अकाउंट भी दिया गया था। कारोबारी को कहा गया कि अगर रुपये नहीं दिए तो उसके बेटे का अपहरण कर लेंगे। इसके बाद एक करोड़ की फिरौती देनी पड़ेगी। इस ईमेल के बाद कारोबारी बेहद डर गया। पुलिस ने उसे सुरक्षा भी प्रदान की। क्राइम ब्रांच सेक्टर-48 इस मामले की जांच कर रही थी। अब आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने बताया कि वह साल 2013 से जनवरी 2022 तक पैन कार्ड बनवाने का काम करता था। उसकी गाजियाबाद में दुकान थी। वहां अंकित नाम के व्यक्ति द्वारा दिए गए आधार कार्ड के साथ कंप्यूटर से बदलाव करके उसने नई सिम निकलवा ली थी। उस सिम का उपयोग ईमेल भेजकर रंगदारी मांगने के लिए हुआ था। आरोपित जल्दी रुपये कमाने के चक्कर में इस षड़यंत्र में शामिल हुआ। एक साल पहले भी वह रंगदारी मांगे जाने के मामले में जेल जा चुका है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस मामले में ईमेल करने वाले अभी गिरफ्त से बाहर हैं। उनकी पहचान हो गई है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


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