शादी की खुशियों संग डालेंगे रक्तदान के यज्ञ में आहुति
घर परिवार में शादी हो तो ऐसे में परिवार के सदस्यों को विवाह कार्यक्रम के आयोजन में कोई कमी ना रह जाए इससे ही फुर्सत नहीं मिलती तब ऐसे लोगों को देश-दुनिया, समाज में क्या हो रहा है इसकी कोई फिक्र नहीं होती। उन्हें तो बस इस बात कि ¨चता रहती है कि सब कुछ ठीक-ठाक निपट जाए। बुलाए गए नाते- रिश्तेदारों या यार-दोस्तों की आवभगत में कोई कमी ना रहे। घर के सदस्य इसी दौड़ भाग में लगे रहते हैं। इन सब ¨चताओं को परे रखते हुए शहर की प्रमुख सामाजिक संस्था बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव संजय अरोड़ा ने मानव कल्याण में एक ऐसे आयोजन को करने का फैसला किया जो भविष्य में सुशिक्षित समाज के नजरिए से
सुशील भाटिया, फरीदाबाद
घर परिवार में शादी हो तो ऐसे में परिवार के सदस्यों को विवाह कार्यक्रम के आयोजन में कोई कमी ना रह जाए इसकी चिंता से ही फुर्सत नहीं मिलती। तब ऐसे लोगों को देश-दुनिया, समाज में क्या हो रहा है इसकी कोई फिक्र नहीं होती। उन्हें तो बस इस बात कि ¨चता रहती है कि सब कुछ ठीक-ठाक निपट जाए। बुलाए गए नाते- रिश्तेदारों या यार-दोस्तों की आवभगत में कोई कमी ना रहे। घर के सदस्य इसी दौड़ भाग में लगे रहते हैं। इन सब ¨चताओं को परे रखते हुए शहर की प्रमुख सामाजिक संस्था बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव संजय अरोड़ा ने मानव कल्याण में एक ऐसे आयोजन को करने का फैसला किया जो भविष्य में सुशिक्षित समाज के नजरिए से अनुकरणीय उदाहरण साबित होगा।
स्मार्ट सिटी के एनआइटी-5 नंबर सी ब्लॉक निवासी संजय अरोड़ा की बेटी भव्या 22 फरवरी की रात पटियाला के डॉ. शशांक शर्मा संग फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंध जाएंगी। पर शादी से पहले भव्या की सहमति से अरोड़ा परिवार ने घर पर ही रक्तदान शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया। थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों को समर्पित यह रक्तदान शिविर 20 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। शिविर में अरोड़ा परिवार के सदस्यों सहित मित्रों और उनकी एसोसिएशन से जुड़े कार्यकर्ता व पदाधिकारी रक्तदान के इस यज्ञ में आहुति डालेंगे।
अपने शहर में बड़ी संख्या में लोग अपने किसी प्रियजन की स्मृति में तो रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं पर संभवतया दिल्ली एनसीआर के किसी भी शहर में यह पहला मौका होगा कि कोई इंसान अपनी बेटी की शादी के मौके पर रक्तदान शिविर का आयोजन विवाह के मंगल गीतों से भरे माहौल में अपने घर पर ही करेगा। आज का जमाना युवाओं का है और यह युवा सोच का परिणाम है। मेरे पिता सामाजिक कार्य में हमेशा अग्रणी रहते हैं। उन्होंने मेरे साथ इस बाबत चर्चा की और समाज कल्याण के इस कार्य को करने की तुरंत सहमति प्रदान कर दी। यह स्वस्थ व सुशिक्षित समाज के लिए अच्छा प्रयास होगा।
- भव्या अरोड़ा, प्रबंधक हेल्थ सेक्टर। एसोसिएशन के महासचिव संजय अरोड़ा हमारे समाज की ताकत हैं। वह हमेशा कुछ ना कुछ नया करने की सोच में लगे रहते हैं। निराश्रित बच्चों को हर महीने हल्दीराम जैसे बड़े रेस्टोरेंट पर नाश्ता कराना हो या फिर बाल सुधार गृह में जाकर बाल अपराधियों के लिए कुछ अच्छा करने की बात हो, यह सब हमारी एसोसिएशन के सक्रिय सदस्यों की सोच की बदौलत ही संभव हो पाता है। अब यह रक्तदान शिविर समाज के और लोगों के लिए भी अनुपम उदाहरण होगा।
- राकेश भाटिया, प्रधान बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन