लॉटरी घोटाला: फजीहत से बचने को एसआइटी बनाई
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: 22 करोड़ के लॉटरी घोटाले में आठ महीने के अंदर सात बार जांच एजेंसी बदलकर फजीहत करा चुकी पुलिस अब लीपापोती में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच के लिए एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित कर दी गई है, अब बस इसकी औपचारिक घोषणा करना बाकी है। सूत्रों के अनुसार एसआइटी डीसीपी एनआइटी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें एसीपी क्राइम यशपाल खटाना, इंस्पेक्टर नवीन कुमार, इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, इंस्पेक्टर आनंद ¨सह सहित छह इंस्पेक्टर शामिल होंगे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि देखने वाली बात होगी कि एसआइटी इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी कर पाती है या पहले की तरह आरोपित खुले घूमते रहेंगे।
जासं, फरीदाबाद: 22 करोड़ के लॉटरी घोटाले में आठ महीने के अंदर सात बार जांच एजेंसी बदलकर फजीहत करा चुकी पुलिस अब अपनी रसूख बचाने में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि, मामले की जांच के लिए एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित कर दी गई है। अब बस इसकी औपचारिक घोषणा करना बाकी है।
सूत्रों के अनुसार, एसआइटी डीसीपी एनआइटी की अध्यक्षता में होगी। इसमें एसीपी क्राइम यशपाल खटाना, इंस्पेक्टर नवीन कुमार, इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, इंस्पेक्टर आनंद ¨सह सहित छह इंस्पेक्टर शामिल होंगे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि देखने वाली बात होगी कि एसआइटी इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी कर पाती है या पहले की तरह आरोपित खुले घूमते रहेंगे।
इस मामले में सबसे पहले जांच कोतवाली थाना पुलिस ने की। इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा, फिर क्राइम ब्रांच सेक्टर-56, वहां से क्राइम ब्रांच डीएलएफ, फिर स्टेट क्राइम ब्रांच, वहां से फिर क्राइम ब्रांच डीएलएफ। इसके बाद आर्थिक अपराध जांच शाखा के पास इस मामले की जांच पहुंची। अब एसआइटी से जांच कराने की तैयारी है।
क्या है मामला
बता दें कि कोतवाली थाने में 12 दिसंबर 2017 दर्ज मामले के अनुसार गांव जाजरू के शेखर, कौराली के दीपक, सुनपेड़ के विजय और लहडौली के राजेंद्र मामले ने बताया कि गांव जटौली पलवल निवासी भीष्म चौहान, न्यू कॉलोनी पलवल निवासी विशाल बेनिवाल और खड़क ¨सह, ओमैक्स हाइट्स पलवल निवासी तरुण चौहान और गांव मोहना बल्लभगढ़ के सुरेंद्र अत्री ने हैलो डिस्ट्रिब्यूशन प्रा.लि.नाम से एक कंपनी बनाई थी। इनाम का लालच देकर करीब 21 हजार सदस्य बनाए गए। उनसे हर महीने एक-एक हजार रुपये की किस्तें ली और आखिर में आरोपित सारा पैसा समेटकर फरार हो गए थे। इस मामले में 6 दिसंबर को गांव प्याला निवासी रोहित आत्महत्या कर चुका है। उसने भी अपने कुछ जानकारों के करीब आठ लाख रुपये इस लॉटरी कंपनी में लगवा दिए थे। जांच में पुलिस ने पाया है कि यह करीब 22 करोड़ का घोटाला है। करीब 21 हजार लोग इससे जुड़े थे।