फरीदाबाद की बहू शशि एशिया पैसिफिक मास्टर्स खेलों में निभाएंगी अटैकर की भूमिका
ससुराल के प्रोत्साहन के दम पर गांव सहरावक की बहू शशि मलेशिया के पेनांग में होने वाले एशिया पैसिफिक मास्टर्स खेलों में देश की ओर से भारतीय वालीबॉल टीम में खेलेगी। सोमवार को वे टीम के साथ मलेशिया के लिए रवाना होगी। वालीबॉल के मुकाबले 12 से 16 सितंबर को खेले जाएंगे। शशि दिल्ली के गांव घड़ौली से हैं। शादी से पहले वे गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर की ओर से खेलते हुए इंटर यूनिवर्सिटी वालीबॉल प्रतियोगिता स्वर्ण पदक जीता था। शादी के बाद उन्हें डर था कि ससुराल वाले उनके खेल को प्रोत्साहन देंगे या नहीं। मगर उनके ससुर सुलेख चंद खेल प्रेमी हैं और शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनके प्रोत्साहन और पति होशियार ¨सह के सहयोग के बल पर ही शादी के बाद वे खेलना जारी रख पाई। वह जब बाहर खेलने जाती हैं, तो पति होशियार ¨सह बच्चों की देखभाल मां की तरह करते हैं। यदि इन सबका सहयोग नहीं होता, तो वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा कभी नहीं ले पाती। उनका चयन मार्च माह में चंडीगढ़
अभिषेक शर्मा, फरीदाबाद
ससुराल के प्रोत्साहन के दम पर गांव सहरावक की बहू शशि मलेशिया के पेनांग में होने वाले एशिया पैसिफिक मास्टर्स खेलों में देश की ओर से भारतीय वालीबॉल टीम में खेलेंगी। सोमवार को वे टीम के साथ मलेशिया के लिए रवाना होंगी। वालीबॉल के मुकाबले 12 से 16 सितंबर को खेले जाएंगे। शशि दिल्ली के गांव घड़ौली से हैं। शादी से पहले वे गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर की ओर से खेलते हुए इंटर यूनिवर्सिटी वालीबॉल प्रतियोगिता स्वर्ण पदक जीता था। शादी के बाद उन्हें डर था कि ससुराल वाले उनके खेल को प्रोत्साहन देंगे या नहीं। मगर उनके ससुर सुलेख चंद खेल प्रेमी हैं और शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनके प्रोत्साहन और पति होशियार ¨सह के सहयोग के बल पर ही शादी के बाद वे खेलना जारी रख पाईं। वह जब बाहर खेलने जाती हैं, तो पति होशियार ¨सह बच्चों की देखभाल मां की तरह करते हैं। यदि इन सबका सहयोग नहीं होता, तो वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा कभी नहीं ले पाती। उनका चयन मार्च में चंडीगढ़ में संपन्न हुई मास्टर्स गेम्स नेशनल में प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। हरियाणा की ओर से खेलते हुए अटैकर की भूमिका निभाई थी। उन्होंने बताया कि वह सातवीं कक्षा से वॉलीबॉल खेल रही हैं, साथ ही पंजाब, दिल्ली और हरियाणा की ओर से खेल चुकी हैं, लेकिन सफलता हरियाणा की ओर से खेलते हुए मिली है। उन्होंने बताया कि फिलहाल वह दिल्ली स्थित एक निजी स्कूल में खेल विभाग की मुखिया हैं। बच्चों को अभ्यास कराने के साथ अपने भी अभ्यास का निकालती हैं।
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माउंट एवरेस्ट बेस कैंप भी पहुंच चुकी हैं
शशि न केवल एक वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं, बल्कि पर्वतारोही भी है। साल 2007 में 15 पर्वतारोहियों के दल के साथ गई थी। इनमें से केवल 13 लोग ही बेस कैंप तक पहुंच पाए थे। उन्होंने बताया कि वह माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना चाहती थी, लेकिन बेस कैंप तक ही अनुमति थी।
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उपलब्धियां
- 1998 गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर की ओर से खेलते हुए इंटर यूनिवर्सिटी वॉलीबॉल प्रतियोगिता स्वर्ण पदक जीता।
- 2002 में दिल्ली की ओर से खेलते हुए सीनियर नेशनल वॉलीबॉल प्रतियोगिता सहभागिता।
- 2018 में हरियाणा की ओर से खेलते हुए मास्टर्स गेम्स नेशनल में स्वर्ण पदक जीता।