सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों में वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने की उम्मीद बंधी
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों के रिहायशी भवनों में वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने की उम्मीद एक बार फिर बंधी है। इन दोनों सेक्टर के 100 फुट मार्ग पर बने भवनों को मास्टर प्लान-2031 में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए मंजूर किया गया है। ऐसे में सत्तापक्ष के नेताओं के साथ सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनी के दुकानदार सी¨लग से बचने के लिए रास्ता ढूंढने में लग गए हैं। बता दें, सेक्टर-10 जे ब्लॉक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका नंबर 5594/2016 के मद्देनजर हुए हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने सेक्टर-9-10,10-12 विभाज्य मार्ग पर रिहायशी भवनों में बने 103 वाणिज्यिक संस्थानों को सील कर दिया था। इसके बाद 15 फरवरी को जब इस मामले की सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सख्त रुख अपनाते हुए पूरे फरीदाबाद में खासतौर पर नियोजित सेक्टर-3,7.10,1
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों के रिहायशी भवनों में वाणिज्यिक गतिविधियां चलाने की उम्मीद एक बार फिर बंधी है। इन दोनों सेक्टरों के 100 फुट मार्ग पर बने भवनों को मास्टर प्लान-2031 में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए मंजूर किया गया है। ऐसे में सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनी के दुकानदार सी¨लग से बचने के लिए रास्ता ढूंढने में लग गए हैं।
बता दें कि सेक्टर-10 जे ब्लॉक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका नंबर 5594/2016 के मद्देनजर हुए हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने सेक्टर-9-10,10-12 विभाज्य मार्ग पर रिहायशी भवनों में बने 103 वाणिज्यिक संस्थानों को सील कर दिया था। इसके बाद 15 फरवरी को जब इस मामले की सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सख्त रुख अपनाते हुए पूरे फरीदाबाद में खासतौर पर नियोजित सेक्टर-3, 7, 10, 18, 22, 23, 28, 29 हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों के रिहायशी भवनों में भी वाणिज्यिक गतिविधियां बंद कराने के निर्देश दिए। इसके बाद से यह माना जा रहा था कि उपरोक्त सेक्टरों में चल रही वाणिज्यिक गतिविधियां भी बंद होंगी। इन सेक्टरों के हजारों दुकानदारों के सामने अपनी रोजी-रोटी बचाने का संकट खड़ा हो गया है। सरकार चाहे तो दे सकती है राहत
सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों में वाणिज्यिक गतिविधियों के पूर्व के विचाराधीन मामलों के चलते 31-12-2006 को चंडीगढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया कि इन दोनों सेक्टर की दुकानों को नियमित किए जाने के लिए मास्टर प्लान में बदलाव संबंधी प्रस्ताव नगर निगम की तरफ से भेजा जाए। इस आदेश की अनुपालना में नगर निगम ने 2031 के मास्टर प्लान में यह बदलाव प्रस्तावित किया। इसे राज्य सरकार द्वारा तय विभिन्न मानक कमेटियों ने मंजूर किया है। अब सरकार चाहे तो इन कॉलोनियों की वाणिज्यिक गतिविधियों को राहत दे सकती है मगर इसके लिए सरकार को नीति बनानी होगी। नीति भी ऐसी हो जिसमें पार्किंग की व्यवस्था व मंजूरशुदा नक्शे से अतिरिक्त निर्माण न हो तो हाईकोर्ट उसे मंजूर कर लेगा।
-रवि ¨सगला, सेवानिवृत्त, वरिष्ठ नगर योजनाकार, नगर निगम, फरीदाबाद सेक्टर-सात व दस मार्केट के दुकानदार भाई सोमवार सायं मेरे साथ निगमायुक्त अनीता यादव से मिले थे और हमने मास्टर प्लान-2031 में सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनियों के 100 फुट रोड पर बने रिहायशी भवनों को वाणिज्यिक गतिविधियों में तब्दील किए जाने संबंधी बदलाव की अधिसूचना की जानकारी दी। इसके बाद निगमायुक्त ने सैद्धांतिक तौर पर यह माना है कि यदि राज्य सरकार इस बाबत एक नीति बना देती है तो इसके आधार पर हाईकोर्ट को अवगत करा दिया जाएगा।
- धनेश अदलखा, पार्षद,वार्ड-33, नगर निगम,फरीदाबाद हाईकोर्ट के ताजा फैसले की अनुपालना में यदि सत्तापक्ष या अन्य किसी भी व्यक्ति संस्थान ने रुकावट डाली तो हम इसकी बाबत सुप्रीम कोर्ट में अपना पूरा पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे। क्योंकि सेक्टर-सात में पहले से ही हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की मार्केट है।
- हरीचंद गर्ग, प्रधान, ऑल हुडा सेक्टर्स मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन फरीदाबाद स्थानीय विधायक भी मदद करना चाहते हैं दुकानदारों की
उद्योग मंत्री विपुल गोयल और विधायक मूलचंद शर्मा ने सेक्टर-सात व दस हाउ¨सग बोर्ड की मार्केट को सी¨लग की तलवार से बचाने के लिए नगर निगम के कुछ विशेषज्ञों से रविवार चर्चा की। चर्चा के दौरान मास्टर प्लान 2031 में इन दोनों सेक्टर की हाउ¨सग बोर्ड की कॉलोनियों को मिली छूट के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी देर से फोन पर वार्ता की। सूत्र बताते हैं कि उद्योग मंत्री विपुल गोयल और विधायक मूलचंद शर्मा बजट सत्र के दौरान चंडीगढ़ में इस बारे में शहरी स्थानीय निकाय और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों से विस्तृत चर्चा भी करेंगे।