शूर्पनखा की कटी नाक, रावण ने किया सीता का हरण
श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर बुधवार रात्रि वन में राम वनवास प्रसंग दिखाया गया।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर बुधवार रात्रि वन में राम से भरत-शत्रुघ्न के मिलने, लक्ष्मण द्वारा शूर्पनखा की नाक काटना व इस पर गुस्साए रावण द्वारा सीता हरण के प्रसंग दिखाए गए। अब रामलीला के दो ही दिन बचे हैं, इसलिए दर्शकों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-14 के महात्मा हंसराज सभागार में चौथे दिन की शुरुआत भरत-शत्रुघ्न (यश चांदना-हर्ष नरूला) अपनी तीनों माताओं के संग वन पहुंचते हैं और भैया राम-लक्ष्मण व भाभी सीता से अयोध्या वापस लौटने का आग्रह करते हैं। राम पिता के दिए हुए वचन की पालन करने की बात कह कर बड़ी ही विनम्रता से भरत के आग्रह को ठुकरा देते हैं। इस पर भरत भ्राता राम की चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या वापस लौटते हैं। इधर वन में शूर्पनखा (मौनिक) अपनी अदाओं से कभी राम (मोहित) तो कभी लक्ष्मण (अनिल चावला) को रिझाने की कोशिश करती हैं। इस पर गुस्से में आकर लक्ष्मण शूर्पनखा की नाक काट देते हैं। शूर्पनखा के साथ इस हरकत में खर-दूषण (दिनेश सहगल-मनोज नरूला ) अपनी सेना के साथ राम-लक्ष्मण से युद्ध करने पहुंचते हैं, पर सब मारे जाते हैं। शूर्पनखा विलाप करते हुए रावण के दरबार में पहुंचती है और गुस्साए लंका नरेश रावण (श्रवण चावला) मारीच के जरिए सीता (योगंधा वशिष्ठ) के हरण की योजना को मूर्तरूप देते हैं। सीता हरण प्रसंग के दौरान लक्ष्मण-सीता संवाद, रावण-सीता संवाद का जबरदस्त व प्रभावी मंचन हुआ।
चोटिल मौनिक पहुंचीं किरदार निभाने
सोमवार को सीढि़यों से गिर कर चोटिल हुई मौनिक भाटिया रामलीला मंच के प्रति अपना दायित्व निभाने के मकसद से शूर्पनखा का किरदार निभाने बुधवार को सभागार पहुंची और अपनी भूमिका का बखूबी प्रदर्शन किया। मौनिक के अनुसार उन्होंने कैकेई व शूर्पनखा की भूमिका के लिए काफी रिहर्सल की थी। ज्यादा चोट की वजह से कैकेई की भूमिका तो नहीं निभा सकीं, पर थोड़ा बेहतर महसूस किया, तो अपने आप को रोक नहीं पाई। हरियाणा महिला आयोग की सदस्य रेनू भाटिया भी अपनी बेटी मौनिक का उत्साह बढ़ाने पहुंची थी।