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पराली जलाएं नहीं जुताई कर खेत में मिला दें

गांव धौज में आयोजित खंड स्तरीय कृषि मेले में जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत करती हुई कृषि वैज्ञानिक डॉ. संगीता यादव। जागरण जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : गांव धौज में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से पराली न

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 05:54 PM (IST)
पराली जलाएं नहीं जुताई 
कर खेत में मिला दें
पराली जलाएं नहीं जुताई कर खेत में मिला दें

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : गांव धौज में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से पराली न जलाने के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए खंड स्तर पर कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेले की अध्यक्षता जिला उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग डॉ. आत्माराम गोदारा ने की। मेले के मुख्य अतिथि नरेंद्र बिधूड़ी थे और फरीदाबाद पंचायत समिति के अध्यक्ष भारत भड़ाना थे।

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इस मौके पर डॉ.गोदारा ने किसानों और सहयोगी विभागों के अधिकारियों को फसल के अवशेष न जलाने की शपथ दिलाई। पराली जलाने से भूमि का आर्गेनिक कार्बन, तापमान, मित्र कीट तो पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। भूमि की उर्वरा के लिए कृषि मित्र कीटों की मदद करना जरूरी हैं। पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पौध संरक्षण अधिकारी डॉ.आनंद प्रकाश ने बताया कि दो एकड़ तक पराली जलाने पर 2500 रुपये, 5 एकड़ तक पराली जलाने पर 5000 रुपये और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन की पराली जलाने पर 10 हजार रुपये जुर्माना किया जाता है। किसान पराली को जलाने की बजाय उसे खेत में जुताई करके मिला दें, तो उससे भूमि की उर्वरा मजबूत होती है। मेले में विशेषज्ञों में डॉ.रामपाल, डॉ. संगीता यादव, लक्ष्मण, दिनेश साहू, कृष्ण वर्मा मौजूद थे।


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