मजबूत सरकार चाहते हैं भविष्य के अफसर
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की वर्ष 2018 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए दिल्ली एनसीआर के शहरों के मेधावियों की राय में देश कीसरकार कैसी हो उस पर विचार कुछ इस तरह हैं।
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की वर्ष 2018 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए दिल्ली -एनसीआर के शहरों के अभ्यर्थी चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद देश में मजबूर नहीं बल्कि मजबूत सरकार बने। भविष्य के ये अफसर मतदाताओं से भी अपील कर रहे हैं कि वे जातिवाद, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर इस चुनाव में मतदान अवश्य करने जाएं और ऐसी सरकार चुनें जो देश के युवाओं के बारे में सोचे। सरकार युवाओं के लिए दूरगामी योजनाएं बनाए, क्योंकि पूरे विश्व में अपने देश में सबसे ज्यादा युवा हैं। भविष्य के इन अफसरों की नजर में देश में अभी भी शिक्षा,स्वास्थ्य, बढ़ती जनसंख्या और बेरोजगारी ऐसे मुद्दे हैं जिन पर शिद्दत से काम करने की जरूरत है। आखिर क्या चाहते हैं यह मेधावी। आइए जानते हैं दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता बिजेंद्र बंसल की कलम से:-
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शिक्षा,स्वास्थ्य,जनसंख्या, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ही जनप्रतिनिधियों को फोकस करना चाहिए। राजनीतिक मुद्दा बन रहे राष्ट्रवाद को समझने का नजरिया बदलना होगा, राष्ट्रवाद के बिना समस्या का समाधान ही नहीं हो सकता। हर नागरिक के लिए राष्ट्रवाद सबसे पहले होता है।
-जुनैद अहमद, तीसरी रैंक,फरीदाबाद
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नारी सशक्तीकरण भी मुद्दा बने। महिलाओं के सशक्त होने से समाज में बड़ा बदलाव आएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, जनसंख्या व कानून व्यवस्था तक के बड़े मुद्दों में महिला सशक्तीकरण से सुधार आएगा। ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों की पृष्ठभूमि की महिलाओं के लिए दूरगामी योजनाएं बनें।
वैशाली सिंह, आठवीं रैंक,फरीदाबाद
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युवाओं की सोच में विस्तृत बदलाव लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करनी होगी। उन्हें जमीनी स्तर पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा ताकि वे स्वरोजगार के लिए प्रेरित हों। देश में ऐसी सरकार बने जो युवाओं के लिए दूरगामी योजनाएं बनाए और विश्व स्तर पर भारत को अलग पहचान देने के लिए काम करे।
- निधि सिवाच, 83वीं रैंक,गुरुग्राम
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ऐसी सरकार चाहिए, जिसके लिए देश प्रथम हो। जो जाति, वर्ण, वर्ग में भेद न करते हुए सभी की भलाई के लिए समान रूप से कार्य करे।
-रंजीता शर्मा, यूपीएससी में 130वीं रैंक
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नई सरकार ऐसी हो जो मजबूर नहीं मजबूत हो। मजबूत सरकार ही आम मतदाता से लेकर लोकतात्रिक मर्यादाओं की रक्षा कर सकती है।
पूजा गुप्ता,147वीं रैंक, दिल्ली
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देश के विकसित नहीं होने का सबसे बड़ा कारण रिश्वतखोरी है। प्रत्येक काम को करवाने के लिए चपरासी से लेकर अधिकारी तक सबका अलग हिसाब-किताब है। एक दशक में भारत मजबूत हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया है।
-पंकज लाबा, 236वीं रैंक, फरीदाबाद
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राजनीतिक दल शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं को गरीब आदमी तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने की योजनाओं को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें।
-प्रशात नागर, 267वीं रैंक, फरीदाबाद
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ऐसी सरकार चाहिए जो युवाओं को सहज रोजगार उपलब्ध करा सके। रोजगार के अवसर बढ़ने से समाज में फैली विभिन्न प्रकार की विकृतियों में भी कमी आती है। यह भी सुनिश्चित कराए कि सरकारी नौकरियों की नियुक्तिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हों।
अदिति सिंघानिया, 282वीं रैंक,गाजियाबाद
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देश में शिक्षा व स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, जिससे कि लोग साक्षर होने के साथ-साथ स्वस्थ भी रह सकें। युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराकर ही सरकार अपनी उपलब्धि गिनाए।
नवनीत मित्तल, 391 वीं रैंक,दिल्ली
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सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए योजनाएं बनाए, आम आदमी का सबसे ज्यादा खर्चा इसी पर हो जाता है। जाति, वर्ग और क्षेत्र में बंटे देश को एकजुट करने के लिए केंद्र सरकार स्तर पर ही काम करना चाहिए।
-सचिन कुमार, यूपीएससी में 400वीं रैंक
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अभी भी देश में अमीरी-गरीबी और ग्रामीण-शहरी का फर्क है। इस फर्क को खत्म करने के लिए केंद्र में ऐसी सरकार बने जो देश की बड़ी समस्याओं का हल निकाले।
- ज्योति यादव, 493वीं रैंक, गुरुग्राम -----------------
राजनीतिक दलों को होने वाली फंडिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित होनी चाहिए। महंगी उच्च शिक्षा और फिर बेरोजगारी पर फोकस करने वाली नई सरकार बने।
एकता सिंह, 652वीं रैंक,गाजियाबाद
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सरकार ऐसी हो जो जनता के प्रति सीधे रूप में उत्तरदायी हो। गरीबों को मुफ्त में आर्थिक मदद देने वाली सरकार की बजाए ऐसी सरकार बने जो गरीबों को सशक्त करे। उनके लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने से लेकर रोटी,कपड़ा और मकान की सुविधा प्रदान करे।
-डॉ.नितिन शाक्या, 704वीं रैंक,दिल्ली
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जनहित की सरकार चाहिए। गरीबों और मध्यम वर्ग को सोच कर नीति बनाने वालों को सत्ता की चाबी देनी चाहिए। लोगों को चाहिए कि प्रलोभन देने वालों से दूर रहें और सोच-समझ कर अपने देश की सरकार को चुनें।
अभिजीत कुमार, 717वीं रैंक,गाजियाबाद