दूसरी बार भी टीम आने से पहले ही शुरू हुआ काम
कमाल की बात है जब सिर पर एनजीटी की टीम आ खड़ी होती है तभी निगम अधिकारी काम करने के लिए दौड़ते हैं। 11 फरवरी को एनजीटी की टीम के निरीक्षण के समय ऐनवक्त पर जलभराव वाली जगह युद्धस्तर पर काम चल रहा था। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जब सिर पर एनजीटी की टीम आ खड़ी होती है, तभी निगम अधिकारी काम करने के लिए दौड़ते हैं। 11 फरवरी को एनजीटी की टीम के निरीक्षण के समय ऐन वक्त पर जलभराव वाली जगह युद्धस्तर पर काम होता दिखा। अब मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही था। एनजीटी की टीम के आने की सूचना के बाद सुबह से ही सेक्टर-48 में जलभराव वाली जगह पर डंपर में मलबा डाला जाने लगा, हालांकि टीम ने काम होता देख थोड़ी संतुष्टि जरूर जाहिर की, पर काम में तेज गति से सुधार की हिदायत भी दी। टीम को पता लग गया था कि यह काम अभी कराया जा रहा है। मौके पर जगह की तारफेंसिंग न होने की वजह से हुडा प्रशासक से इस बारे में बुधवार को जवाब मांगा जा सकता है। यह जगह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की है।
मौके पर एनजीटी की मॉनिटरिग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतमपाल, कमेटी की सदस्य एवं पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी, बाबूराम थे, जबकि निगमायुक्त यश गर्ग, मुख्य अभियंता टीएल शर्मा, अधीक्षण अभियंता बीके कर्दम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। यह है पूरा मामला
नगर निगम के वार्ड नंबर 16 के अंतर्गत आने वाले सेक्टर-48 में हुडा की प्रस्तावित मार्केट की जमीन पर सीवर का पानी और कचरा जमा होने पर जन कल्याण समिति ने एनजीटी में नगर निगम प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में गंदा पानी रिसकर भूजल को दूषित करने व वातावरण प्रदूषित होने और साथ में पेड़-पौधों का विकास रुकने की बात कही गई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने नगर निगम पर 50 लाख का जुर्माना किया गया था। एनजीटी के आदेश पर मई 2019 में अनुबंध के तहत सेवा दे रहे चार कनिष्ठ अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया गया था और एक एसडीओ को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही दो दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कार्रवाई के लिए सरकार को भेजी जा चुकी है।