खेल : कोरोना के ग्रहण से मुक्त नहीं हो पाई खेल नर्सरी
जिले की स्वर्ण जयंती खेल नर्सरी अभी कोरोना के ग्रहण से मुक्त नहीं हो पाई हैं। खेल नर्सरी सवा साल से पहले लाकडाउन की घोषणा के बाद से ही बंद चल रही हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले की स्वर्ण जयंती खेल नर्सरी अभी कोरोना के ग्रहण से मुक्त नहीं हो पाई हैं। खेल नर्सरी सवा साल से पहले लाकडाउन की घोषणा के बाद से ही बंद चल रही हैं। अभी तक इन नर्सरियों की तरफ किसी का ध्यान भी नहीं गया है। तीन साल पहले शुरू हुई थी योजना
खेल प्रतिभाओं को अभ्यास का बेहतर माहौल देने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन वर्ष पूर्व स्वर्ण जयंती खेल नर्सरी योजना शुरू की थी। इसके तहत वर्ष 2018 में 10 के करीब नर्सरी की शुरुआत की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक सहायता एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की वजह से योजना ने दम तोड़ दिया था। पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने नर्सरी योजना को दोबारा से जीवित करने के लिए पिछले वर्ष दोबारा से आवेदन मांगे थे। इसके तहत निजी एवं राजकीय विद्यालयों सहित कई अन्य लोगों ने आवेदन किया था और मेवला महाराजपुर, जवां गांव में दो और पन्हेड़ा खुर्द को अलाट भी की गई थी, लेकिन कोरोना की वजह से शुरू नहीं हो पाई। अब अनलाक प्रक्रिया के तहत छूट मिल रही है, लेकिन खेल नर्सरी को लाकडाउन से बाहर नहीं किया गया है। यह मिलता है लाभ
स्वर्ण जयंती खेल नर्सरी के लिए स्पैट की तर्ज पर 25 खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। आठ से 14 साल के खिलाड़ियों को 1500 रुपये डाइट के नाम पर हर महीने दिए जाने का प्रविधान है। इसकी प्रकार 15 से 19 आयु के खिलाड़ियों को दो हजार रुपए महीना दिया जाता है। वहीं एनआइएस कोच को 25 हजार रुपये प्रतिमाह व प्रमाणपत्र धारी नेशनल खिलाड़ी या शारीरिक शिक्षा से एमए, बीपीएड, एमपीएड वाले कोच को 20 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। हम भी चाहते हैं कि नर्सरी जल्द खुलें। सरकार की ओर से अभी हमारे पास ऐसे कोई निर्देश नहीं आए हैं कि नर्सरी खोल दी जाएं। इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
- रमेश वर्मा, जिला खेल अधिकारी