ओलंपिक स्थगित होने से मायूस, पर अभ्यास जारी
कोरोना के चलते भले ही टोक्यो ओलंपिक स्थगित हो गया। इससे खिलाड़ी मायूस हैं। ओलंपिक का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे लेकिन जिले के खिलाड़ियों ने लॉकडाउन एवं कोरोना की विषम परिस्थितियों में भी कभी अभ्यास नहीं छोड़ा। कोरोना काल में भी वह मैदान पर जमकर पसीना बहा रहे हैं और अपने खेल में सुधार करने में जुटे हुए हैं। ताकि ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक का टिकट प्राप्त कर सकें। इन खिलाड़ियों के अनुसार कोरोना के जरिए से हमारे खिलाड़ियों और बेहतर अभ्यास का मौका मिला है और लॉकडाउन में भी घर पर आराम नहीं किया है। उन्होंने घर की छत को अपना मैदान बना लिया था।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कोरोना के चलते भले ही टोक्यो ओलंपिक स्थगित हो गया हो और इससे खिलाड़ी मायूस हों, पर भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों के अभ्यास में कोई कमी नहीं आई है। कोरोना काल में भी वह मैदान पर जमकर पसीना बहा रहे हैं और अपने खेल में सुधार करने में जुटे हुए हैं। ताकि ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक का टिकट प्राप्त कर सकें। इन खिलाड़ियों के अनुसार कोरोना के जरिए से हमारे खिलाड़ियों और बेहतर अभ्यास का मौका मिला है और लॉकडाउन में भी घर पर आराम नहीं किया है। उन्होंने घर की छत को अपना मैदान बना लिया था। शूटिग के सभी संसाधन फार्म में जुटा लिए हैं। रोजाना अभ्यास करता हूं और इसमें पूरा परिवार सहयोग करता हैं। यह तैयारी ओलंपिक के लिए है। हालांकि ओलंपिक दल में शामिल होने से पूर्व ट्रायल आयोजित होगा। उसमें भी सफल होना कड़ी चुनौती है।
-लक्ष्य श्योराण, शूटर, रजत पदक विजेता एशियन गेम्स हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करें। मंजिल अभी दूर है, लेकिन उसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। कोरोना काल में भी अभ्यास को नहीं रुकने दिया है।
-विक्रांत पांचाल, राष्ट्रीय धावक तीरंदाजी एक ऐसा खेल है इसमें बड़े मैदान की आवश्यकता होती है। कोरोना के दौर में भी कभी अभ्यास को रुकने नहीं दिया है। अभ्यास जारी रहा। तीरंदाजी ध्यान को एकाग्र करने वाला खेल है। लॉकडाउन में ध्यान और योग किया। अब छूट मिलने के बाद निशाना भी साध रही हूं।
-रिया तेवतिया, तीरंदाज