नैतिकता के लिए विचारों की शुद्धता आवश्यक : सूरी
आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा के प्रधान आर्य रत्न पदमश्री डॉ. पूनम सूरी ने कहा कि यज्ञ ही वह साधन है जिससे जीवन रूपी यात्रा में उत्साह एवं शक्ति प्राप्त होती है। आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा के प्रधान आर्य रत्न पदमश्री डॉ. पूनम सूरी ने कहा कि यज्ञ ही वह साधन है जिससे जीवन रूपी यात्रा में उत्साह एवं शक्ति प्राप्त होती है।
जासं, फरीदाबाद: आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा के प्रधान आर्य रत्न पदमश्री डॉ. पूनम सूरी ने कहा कि यज्ञ ही वह साधन है, जिससे जीवन रूपी यात्रा में उत्साह एवं शक्ति प्राप्त होती है। नैतिकता के लिए जीवन में सत्य एवं विचारों की शुद्धता आवश्यक होती है। डॉ.सूरी शनिवार को आर्य प्रादेशिक प्रतिनिध सभा उप सभा, हरियाणा की ओर से डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-49 सैनिक कॉलोनी और डीएवी पब्लिक स्कूल बल्लभगढ़ के सहयोग से नैतिक शिक्षा पर आयोजित संगोष्ठी में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। शिक्षाविद् केएल खुराना ने कहा कि इस प्रकार की नैतिक संगोष्ठी ईश्वर का आशीर्वाद समान हैं।
संगोष्ठी के तहत यज्ञ का भी आयोजन हुआ। शिक्षाविद् डॉ.प्रमोद योगार्थी और एसके शर्मा ने यज्ञ का महत्व समझाते हुए कहा कि वैदिक संस्कृति का केंद्र ¨बदु यज्ञ ही है। यज्ञ समस्त सुखों का मूल एवं जीवक का श्रेष्ठ कर्म है। दूसरे सत्र का शुभारंभ डीएवी स्कूल 49 और बल्लभगढ़ के प्रधानाचार्यों ने दीप प्रज्जवलित करके किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विभिन्न स्कूलों से आए हुए विद्यार्थियों ने समारोह का आनंद लिया। बताते हुए मुख्य अतिथि पूनम सूरी का धन्यवाद किया। संगोष्ठी में महात्मा स्वामी सूर्यदेव भी उपस्थित थे। प्रधानाचार्य बीके दास ने सभी अतिथियों को पौधे भेंट कर उनका अभिनंदन किया।