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Surajkund Fair: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आज से होगा शुरू, उपराष्ट्रपति धनखड़ करेंगे उद्घाटन

सूरजकुंड मेला प्रांगण में देश-विदेश के सांस्कृतिक और शिल्पकला के विविध रंग देखने को मिलते हैं वो शुक्रवार तीन फरवरी से शुरू हो रहा है। दक्षिण दिल्ली से एक दम सटा हुआ सूरजकुंड क्षेत्र में वर्ष 1987 से शुरू हुए अंतराष्ट्रीय शिल्पकला मेले का यह 36वां संस्करण होगा।

By Susheel BhatiaEdited By: Abhi MalviyaPublished: Fri, 03 Feb 2023 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 01:00 AM (IST)
Surajkund Fair: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आज से होगा शुरू, उपराष्ट्रपति धनखड़ करेंगे उद्घाटन
सूरजकुंड मेला प्रांगण में विभिन्न मार्गों से पहुंचा जा सकता है।

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। जिस सूरजकुंड मेला प्रांगण में देश-विदेश के सांस्कृतिक और शिल्पकला के विविध रंग देखने को मिलते हैं, वो शुक्रवार तीन फरवरी से शुरू हो रहा है। दक्षिण दिल्ली से एक दम सटा हुआ सूरजकुंड क्षेत्र में वर्ष 1987 से शुरू हुए अंतराष्ट्रीय शिल्पकला मेले का यह 36वां संस्करण होगा, जिसका शुभारंभ शाम चार बजे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय भारी उद्योग एवं ऊर्जा राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की उपस्थिति में करेंगे।

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सहभागी देश के रूप में इस बार शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) की भागीदारी होगी, जबकि थीम स्टेट के रूप में पूर्वाेत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम व त्रिपुरा राज्य के हस्तशिल्पी अपना हुनर दिखाने को तैयार हैं।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि एससीओ से 25 से अधिक देश जुड़े हुए हैं और इनमें कजाकिस्तान, चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, अजरबेजान, अर्मेनिया, टर्की, कंबोडिया, यूएई, श्रीलंका, सऊदी अरब व कतर ऐसे देश हैं, जो मेले का हिस्सा बने हैं। इन देशों सहित कुल 40 देशों के व विभिन्न राज्यों के 11 सौ से अधिक शिल्पी मेले तीन से 19 फरवरी तक आयोजित होने वाले मेले में भाग लेंगे।

पहले पाकिस्तान के भी भाग लेने की बात कही जा रही थी, पर अब पड़ोसी देश के शिल्पी मेले में नहीं आ रहे। बृहस्पतिवार को मेले में भाग लेने वाले शिल्पियों के लिए तैयार हट्स को अंतिम रूप दिया जाता दिखाई दिया। मेले का खास आकर्षण मेजबान हरियाणा के अपना घर इस बार पूरी तरह से

नए अवतार में दिखेगा। पहले यह मुख्य चौपाल के एक दम बाएं होता था, जबकि अब वहां से हटा कर इसे चौपाल के ठीक सामने दो मंजिला बनाया गया है। अपना घर में हरियाणा की पुरातन सांस्कृतिक विरासत के दर्शन होते हैं। मेले में विभिन्न राज्यों के पकवान भी पराेसे जाएंगे।

ऐसे पहुंचे मेले में

सूरजकुंड मेला प्रांगण में विभिन्न मार्गों से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली की ओर से आने वाले पर्यटन प्रेमी दक्षिण दिल्ली की ओर से शूटिंग रेंज और प्रहलादपुर वाले सड़क मार्ग से आ सकते हैं। फरीदाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी दिशा में रहने वाले एनएचपीसी अंडरपास, सेक्टर-45 वाले मार्ग सहित विभिन्न मार्गों से और गुरुग्राम से आने वाले फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड से सैनिक कालोनी होते हुए अथवा पाली क्रशर चौक से बाईं ओर मुड़ कर पाली मोड़ से सूरजकुंड मेले तक पहुंच सकते हैं।

मेले की शाम होंगी सुरमई

प्रतिदिन मेले की मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक संध्या में देश के नामी गायक लोक संगीत व शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देंगे। इनमें पांच फरवरी को प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, आठ फरवरी को गायक मीका सिंह प्रमुख हैं।


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