Move to Jagran APP

Surajkund International Fair: हुनर से आत्मनिर्भरता की कलाकृति गढ़ रहे कैदी, पर्यटकों का खींच रहे ध्यान

प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदी अपने हुनर से आत्मनिर्भरता की कलाकृति गढ़ रहे हैं। उनकी इस कलाकृति की झलक अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में भी देखने को मिल रही है। जेल एसपी विशाल छिब्बर ने बताया कि कई कैदी गंभीर अपराधों की सजा काट रहे हैं।

By Harender NagarEdited By: Abhi MalviyaPublished: Sat, 04 Feb 2023 08:37 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 08:37 PM (IST)
Surajkund International Fair: हुनर से आत्मनिर्भरता की कलाकृति गढ़ रहे कैदी, पर्यटकों का खींच रहे ध्यान
प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदी अपने हुनर से आत्मनिर्भरता की कलाकृति गढ़ रहे हैं।

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदी अपने हुनर से आत्मनिर्भरता की कलाकृति गढ़ रहे हैं। उनकी इस कलाकृति की झलक अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में भी देखने को मिल रही है। विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के हाथों बनाए गए फर्नीचर, सजावटी सामान, शोपीस, मोमबत्ती, कंबल, लेडीज पर्स व बैग, अखबार से तैयार डलिया जैसे सामान की स्टाल मेले में लगाई गई है।

loksabha election banner

जेल एसपी विशाल छिब्बर ने बताया कि जिन कैदियों ने इन सामानों को तैयार किया है, वह गंभीर अपराधों की सजा काट रहे हैं। जेल प्रशासन ने प्रशिक्षण देकर उन्हें शिल्पकला में निपुण बनाया है। प्रदेश में चलाए जा रहे जेल सुधारीकरण मिशन के तहत 250 कैदियों ने सधे हुए हाथों से यह सभी सामान तैयार किए हैं।

पहली बार लगाए गए हैं 27 आइटम

जेल के कैदियों के द्वारा बनाए गए सामान का स्टाल हर साल मेले में लगाया जाता है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब 27 तरह के आइटम बिक्री के लिए रखे गए हैं। एसपी विशाल छिब्बर के अनुसार जेल प्रशासन कैदियों को व्यवसायिक शिक्षा, दस्तकारी, पेंटिंग, ड्राइंग, कंप्यूटर शिक्षा, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, कृषि विज्ञान शिक्षा, कलाकृति शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, ध्यान योग शिक्षा, संगीत कला शिक्षा व हस्तनिर्मित वस्तुओं के बारे में प्रशिक्षण देता है। इसके पीछे दो कारण हैं।

पहला जेल में कैदियों को व्यस्त रखना ताकि वे अपराध से दूर हों। दूसरा जेल से बाहर जाकर कैदी स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बन सकें और आदर्श नागरिक का जीवन जी सकें। हरियाणा सरकार की ओर से कुशल कैदियों का मेहनताना बढ़ा दिया गया है। पहले कैदियों का मेहनताना 60 रुपए था। वह बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया गया है। इससे कैदियों का उत्साह भी बढ़ गया है। सभी उत्पाद तीन से चार माह की मेहनत के बाद तैयार किए गए हैं।

गुणवत्ता में मार्केट से बेहतर हैं उत्पाद

मेले में स्टाल पर लगाए गए फर्नीचर गुणवत्ता के मामले में मार्केट से काफी बेहतर है। वहीं इनकी कीमत भी मार्केट से कम है। अधिकतर फर्नीचर और उत्पाद शीशम की लकड़ी से तैयार किए गए है। इसके अलावा हर्बल टी, आंवला कैंडी सहित कई आयुर्वेदिक उत्पाद स्टाल पर लगाए गए है। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। इन उत्पादों की बिक्री से भी पैसा एकत्रित होगा। वह कल्याणकारी योजनाओं में ही लगाया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Surajkund International Fair:‌‌ हस्तशिल्प मेले के शिल्पियों की मांग, ट्रेड फेयर की तर्ज पर आयोजित हों सेमिनार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.