Move to Jagran APP

Raksha Bandhan 2020: बहन को कोरोना से बचाने के लिए पीपीई किट पहन राखी बंधवाने जाएंगे सुनील

सुनील पांच महीने से नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब और मोबाइल वैन पर कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने के कार्य कर रहे हैं। इस कारण बहन का इन्फैक्शन ना हो इसलिए पीपीइ किट में जाएंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:42 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:43 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020: बहन को कोरोना से बचाने के लिए पीपीई किट पहन राखी बंधवाने जाएंगे सुनील
Raksha Bandhan 2020: बहन को कोरोना से बचाने के लिए पीपीई किट पहन राखी बंधवाने जाएंगे सुनील

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। फ्रंट लाइन वारियर लैब टेक्नीशियन सुनील इस रक्षाबंधन पर अपनी छोटी बहन कविता के घर राखी बंधवाने के लिए पीपीई किट पहनकर जाएंगे। राखी बंधवाने के बाद नागरिक अस्पताल में कोरोना संदिग्धों के नमूने लेते दिखाई देंगे।  सुनील की बहन कविता पलवल के घोड़ी में रहती हैं। सुनील बादशाह खान नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेते हैं। उन्हें भय है कि यदि वह बिना सुरक्षा के सामान्य तरीके से उसके घर जाते हैं, तो बहन व उसके स्वजन भी संक्रमित हो सकते हैं।

loksabha election banner

बहन को बचाने के लिए लिया फैसला

सुनील पांच महीने से नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब और मोबाइल वैन पर कोरोना संदिग्धों के सैंपल लेने के कार्य कर रहे हैं। कोरोना के बीच में लगातार रहते हुए उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और वह अपनी इकलौती बहन कविता के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहते हैं। इसके चलते उन्होंने रक्षाबंधन के दिन बहन कविता के घर पीपीई किट पहनकर जाने का फैसला किया है। वह पांच सुबह गांव घोड़ी के लिए निकल जाएंगे और राखी बंधवाकर फरीदाबाद लौटकर ड्यूटी पर आ जाएंगे।

फर्ज है पहले

सुनील ने बताया कि रक्षाबंधन भाई-बहन के लिए सबसे बड़ा त्योहार होता है, लेकिन समाज को बचाना सभी का प्रथम कर्तव्य है। वैश्विक महामारी में राखी बंधवाने के नाम छुट्टी का बहाना लेकर घर नहीं बैठ सकते हैं। यदि सभी रक्षाबंधन के नाम छुट्टी ले लेंगे, तो कोरोना के संक्रमण की लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी। उन्होंने किसी भी भाई की कलाई सूनी नहीं रहे, इसके लिए लैब टैक्नीशियनों को छुट्टी दी जा रही है और वह राखी बंधवाकर अपनी ड्यूटी पर वापस भी लौट रहे हैं। रक्षाबंधन वाले दिन सभी लैब टैक्नीशियन ड्यूटी करेंगे।

पतंगबाजी को करेंगे याद

सुनील ने बताया कि उन्हें पतंगबाजी बहुत प्रिय है और बचपन से ही अपनी बहन कविता और उसके बच्चों के साथ पतंगबाजी करता हूं, लेकिन इस बार वह परिस्थितियां भिन्न है। बहन के साथ पतंग नहीं उड़ा पाएंगे। पतंगबाजी के दौरान हम एक दूसरे से अपने सुख-दुख बांटते थे। कोरोना की वजह से कविता के साथ वक्त बिताने का मौका नहीं मिल पाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.