जर्जर विद्यालयों एवं कमरों की बदलेगी तस्वीर, शिक्षा निदेशालय ने मांगा कंडम विद्यालयों का ब्यौरा
जर्जर विद्यालयों एवं कमरों को जल्द ही अच्छे दिन आने वाले है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारी से जिले के जर्जर विद्यालयों एवं कमरों की सूची मांगी है। शिक्षा अधिकारी को यह सूची 25 सितंबर तक उपलब्ध करानी होगी।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। जिले के जर्जर विद्यालयों एवं कमरों को जल्द ही अच्छे दिन आने वाले है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारी से जिले के जर्जर विद्यालयों एवं कमरों की सूची मांगी है। शिक्षा अधिकारी को यह सूची 25 सितंबर तक उपलब्ध करानी होगी। दरअसल, कई विद्यालय हैं, जिनमें बच्चे अपना जीवन जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। विद्यालयों की जर्जर हालत को लेकर समाज सेवी एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की।
कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय को जिले के पांच विद्यालयों नए सिरे बनाना पड़ा था। इन विद्यालयों में अनंगपुर, तिगांव, फरीदपुर, मोहना, गौछी स्थित विद्यालय शामिल है। इस मामले में शिक्षा निदेशालय की काफी किरकिरी हुई थी। दोबारा से ऐसा नहीं हो, इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने जर्जर विद्यालयों की सूची मांगी है। कुछ दिन बाद इन विद्यालयों की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी।
36 विद्यालयों के कमरे हैं जर्जर
उल्लेखनीय है कि पीडब्ल्यूडी ने करीब चार वर्ष जिले के 36 विद्यालयों के 177 कमरों को जर्जर घोषित किया था, लेकिन उनकी कभी सुध नहीं ली गई। इसके अलावा अब 30 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जिनके कमरे जर्जर हो गई है, लेकिन उन्हें अभी तक कंडम घोषित नहीं कराया गया है। जिला शिक्षा विभाग को अब इन सभी विद्यालयों एवं कमरों को जर्जर घोषित कराना होगा। वहीं, आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन प्रधान कैलाश शर्मा ने बताया कि हमारी कोशिश है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर माहौल मिले।
इसके लिए अच्छे भवन का होना बहुत ही आवश्यक है। यदि आवश्यकता पड़ी, तो दोबारा कोर्ट में याचिका दायर करके स्कूल भवन निर्माण करवाया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने बताया कि हमें निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसके मुताबिक इंजीनियरों की टीम द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण कराया जाएगा और जर्जर कमरों की सूची तैयार की जाएगी। ताकि समय से सूची निदेशालय के अधिकारियों को उपलब्ध कराई जा सकें।