Good News: नर्सिंग सिस्टर ने प्लाज्मा देकर मरीजों को दिया रक्षाबंधन का अनोखा तोहफा
सिस्टर मोनिका ने बताया कि सिस्टर संबोधित कर सम्मान मिलता है। अभी प्लाज्मा दान के लिए कोरोना संक्रमित के स्वजनों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी ज्यादा है।
फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। अस्पतालों में कार्य करने वाली नर्स स्टाफ एवं मरीज में कोई खून का रिश्ता नहीं होता, लेकिन इनकी मरीज के प्रति सेवा एवं त्याग को देखते हुए सिस्टर बुलाया जाता है। नर्स अस्पताल में भर्ती मरीज की देखभाल बड़ी बहन की तरह करती हैं। एशियन अस्पताल में कार्यरत चार नर्सिंग सिस्टर और एक ब्रदर ने कोरोना संक्रमितों को अपना प्लाज्मा देकर भाई-बहन के रिश्ते की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की है। मरीजों को रक्षाबंधन के तोहफे में नया जीवन दिया है।
इन लोगों ने दिया प्लाज्मा
प्लाज्मा देने वालों सिस्टर स्वाति, मोनिका, जिंसी, सोफियाम्मा और दीन दयाल का नाम शामिल है। नर्सिंग स्टाफ कोविड ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हो गई थीं और उपचार के बाद स्वस्थ हो गई हैं। अस्पताल में कई गंभीर मरीज भर्ती हुए थे। उस समय यह सिस्टर आगे आईं और प्लाज्मा देने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद इनके शरीर में कोरोना के खिलाफ विकसित हो चुकी एंटी बाडी (प्लाज्मा) को निकाल कर इन मरीजों पर चढ़ाया गया।
राखी भी बांधेंगी मरीजों को
इन नर्सिंग सिस्टर के अनुसार कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज अपने परिवार के साथ रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मना पाएंगें। इसके चलते इन्होंने फैसला किया है कि वह कोरोना संक्रमित मरीजों को राखी बांधेंगी और उन्हें अपनी बहनों की कमी को नहीं होने देंगी। वहीं, दूसरी ओर इनमें से तीन नर्सिंग सिस्टर भी अपने परिवार से दूर रहती हैं और हर रक्षाबंधन पर अवकाश लेकर अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए जाती हैं, लेकिन इस बार विपरीत परिस्थितियों में अपने स्वजनों के पास नहीं जा सकती।
प्लाज्मा देने की भी करती है अपील
सिस्टर मोनिका ने बताया कि 'सिस्टर' संबोधित कर सम्मान दिया जाता है। अभी प्लाज्मा दान के लिए कोरोना संक्रमित के स्वजनों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कोरोना के संक्रमण से मुक्त होने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को प्लाज्मा अवश्य देना चाहिए, ताकि फरीदाबाद जल्द से जल्द कोरोना मुक्त हो
सकें।