योग की अलख जगा रहे मुस्लिम भाई-बहन, देते हैं प्रशिक्षण
शाहवेज बीए में स्नातक हैं, जैनब अभी बीए अंतिम वर्ष में हैं। पढ़ाई के साथ-साथ दोनों भाई-बहन योग की अलख जगा रहे हैं।
फरीदाबाद [जेएनएन]। धर्म व जाति के नाम पर आज भले ही कुछ लोग भेदभाव रखते हों, लेकिन योग अपने नाम के अनुरूप समाज को आपस में जोड़ने का काम कर रहा है। ऐसे ही पुण्य कार्य में जुटे हैं ओल्ड फरीदाबाद बाबा नगर निवासी इब्ने हसन और नईम अख्तर के बेटे शाहवेज और बेटी जैनब। दोनो योग प्रशिक्षक हैं। स्वयं तो योग करते ही हैं और लोगों को भी योग कराते हैं।
शाहवेज बीए में स्नातक हैं, जैनब अभी बीए अंतिम वर्ष में हैं। पढ़ाई के साथ-साथ दोनों भाई-बहन योग की अलख जगा रहे हैं। भाई-बहन अब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
दोनों भाई-बहन का कहना है कि मुस्लिम होकर योग से जुड़ने के कारण उन्हें कई बार कुछ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। मां नईम अख्तर का कहना है कि जैनब ने स्कूल टाइम से ही योग को अपना लिया था। उन्होंने बताया कि योग से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं।
मधुमेह, रक्तचाप से भी छुटकारा मिलता है। दोनों भाई-बहन सेक्टर-46 प्रगति अंपार्टमेंट में लोगों को योगाभ्यास करा रहे हैं। योग प्रशिक्षक शाहवेज घरों में भी योग का प्रशिक्षण देते हैं। शाहवेज बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को प्रगति अंपार्टमेंट व हिल-व्यू अंपार्टमेंट में होने वाले योग शिविर में भी योगाभ्यास कराएंगे।
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