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स्टेम सेल डोनेट कर ब्लड कैंसर पीड़ित महिला को दिया नया जीवन, अाप भी कीजिए अच्‍छा लगेगा

मानव रचना यूनिवर्सिटी के बीटेक कंप्यूटर साइंस के छात्र तेजस्व तंवर ने 35 वर्षीय ब्लड कैंसर पीड़ित को स्टेम सेल देकर नया जीवन दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 08:50 PM (IST)
स्टेम सेल डोनेट कर ब्लड कैंसर पीड़ित महिला को दिया नया जीवन, अाप भी कीजिए अच्‍छा लगेगा
स्टेम सेल डोनेट कर ब्लड कैंसर पीड़ित महिला को दिया नया जीवन, अाप भी कीजिए अच्‍छा लगेगा

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। आज के युग में बिना स्वार्थ के व्यक्ति एक-दूसरे का हाल तक नहीं पूछते हैं, लेकिन मानव रचना यूनिवर्सिटी के बीटेक कंप्यूटर साइंस के छात्र तेजस्व तंवर ने इंसानियत का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। तेजस्व ने 35 वर्षीय ब्लड कैंसर पीड़ित को स्टेम सेल डोनेट कर नया जीवन दिया है। तेजस्व ने उस महिला को अभी तक नहीं देखा है यहां तक कि उसका नाम भी नहीं जानते हैं।

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तेजस्व ने डॉ.ओपी भल्ला फाउंडेशन और जीवनदायिनी फाउंडेशन के तहत होने वाले बोन मैरो ड्राइव में 2017 में दात्री फाउंडेशन में अपना नाम दर्ज करवाया था। तेजस्व ने स्टेम सेल 30 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डोनेट किया था।

तेजस्व के इस उल्लेखनीय कार्य के लिए यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। दर्द से बड़ा था नया जीवन देने का अहसास तेजस्व ने बताया कि दात्री फाउंडेशन की ओर से आयोजित शिविर के दौरान एक वीडियो दिखाया गया था। उससे प्रोत्साहित होकर रजिस्ट्रेशन कराया था।

रजिस्ट्रेशन के दो साल बीतने के बाद उम्मीद नहीं थी कि कभी फोन भी आएगा। करीब दो वर्ष बाद एक दिन मोबाइल पर स्टेम सेल डोनेशन को लेकर उनके पास फोन आया और उसने इस नेक कार्य के लिए अपने आप को तैयार कर लिया, हालांकि स्टेम सेल डोनेशन से पूर्व अजीब सी घबराहट हो रही थी और डोनेशन के दौरान दर्द भी हो रहा था, लेकिन किसी को नया जीवन देने का एहसास के आगे दर्द छोटा साबित हो रहा था।

तेजस्व ने कहा कि स्टेम सेल डोनेशन रक्तदान जैसा ही है और इसमें कोई भी खतरा नहीं है। इसके लिए मां रेनू तंवर से हिम्मत मिली और उन्हें अब बहुत गर्व हो रहा है। उन्होंने युवाओं से अपील की अगर रजिस्टर करने के बाद आपका नंबर आता है तो स्टेम सेल डोनेट करने जरूर जाएं, ताकि किसी की जिंदगी बच सके।

तेजस्व ने बताया कि स्टेम सेल डोनेट से पूर्व कैंसर पीड़ित से मिलने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उनकी हालत गंभीर होने की वजह से नहीं मिलने दिया गया। इसके अलावा दात्री फाउंडेशन के नियमानुसार एक साल बाद महिला से मिलाया जाएगा।

तेजस्व को सम्मानित करने के मौके पर बोन मैरो ट्रांस्प्लांट स्पेशलिस्ट डॉ.प्रशांत मेहता ने भी छात्रों को स्टेम सेल डोनेशन के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम में मानव रचना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हनु भारद्वाज, दात्री फाउंडेशन की उत्तर क्षेत्र प्रमुख बिदिया साहनी, नैंन्सी अग्निहोत्री, जीवनदायिनी फाउंडेशन से मधुलिका जैन, ज्योति परुथी, शिवानी वशिष्ठ ने तेजस्व के इस कार्य के लिए सराहना की।

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