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लटजीरा के बीज सजा दिलाने में निभाएंगे अहम भूमिका, बेटी की बेरहमी से मां ने किया था मर्डर

आरोप है कि दीपक मोटरसाइकिल पर पिस्टल लेकर पहुंचा। उसके बाकी साथी थोड़ी देर बाद आ गए। महिलाओं ने घर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 03:59 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 03:59 PM (IST)
लटजीरा के बीज सजा दिलाने में निभाएंगे अहम भूमिका, बेटी की बेरहमी से मां ने किया था मर्डर
लटजीरा के बीज सजा दिलाने में निभाएंगे अहम भूमिका, बेटी की बेरहमी से मां ने किया था मर्डर

फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। लटजीरा (ओंगा) के बीज आठ वर्षीय बच्ची खुशी की हत्यारोपित मां रानी की गिरफ्तारी का आधार बने थे। अब अदालत में उसका दोषी सिद्ध करने में भी इनकी अहम भूमिका होगी। पुलिस इन बीजों को अदालत में सबूत के रूप में इस्तेमाल करेगी। खुशी और उसकी मां के कपड़ों को पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। फॉरेंसिक टीम लैब में उनके कपड़ों पर लगे लटजीरा के बीजों का मिलान करेगी। अगर बीजों का मिलान हो जाता है तो अदालत में आरोपित रानी की खुशी के शव के पास मौजूदगी साबित करना आसान हो जाएगा।

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बता दें कि संजय कॉलोनी से 10 सितंबर को लापता आठ वर्षीय खुशी का शव अगले दिन गांव बघौला पलवल में मिला था। जांच में पुलिस को उसकी मां रानी पर संदेह हुआ, मगर गिरफ्तारी का ठोस आधार नहीं मिल रहा था। तब जांच टीम ने गौर किया कि खुशी के कपड़ों पर लटजीरा के बीज चिपके हुए थे। वैसे ही बीज रानी के कपड़ों पर भी चिपके पाए गए। इस आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने दैवीय शक्ति के भ्रम में बेटी की हत्या की बात कबूल भी कर ली।

जांच टीम से जुड़े अधिकारी ने बताया कि मामला परिवार से जुड़ा है। इसलिए मुकदमे के कमजोर होने की आशंका बहुत ज्यादा है। केवल पर्याप्त सबूतों के आधार पर ही आरोपित महिला का दोष अदालत में सिद्ध हो सकता है। जांच टीम के पास रानी द्वारा खुशी को घर से साथ लेकर जाने का सबूत सीसीटीवी फुटेज के रूप में है। यहां एक-दो गवाह भी पुलिस को मिले हैं। मगर गांव बघौला में उसके खुशी के साथ मौजूदगी का ठोस सबूत या गवाह नहीं है। इसकी कमी को लटजीरा के बीज पूरी करेंगे।

बता दें कि लटजीरा मैदानी इलाकों में पाई जाने वाली वनस्पति है। इसकी ऊपरी परत पर जीरे की तरह दिखने वाले बीज हाेते हैं। हल्की रगड़ से ही इसके बीज कपड़ों में चिपक जाते हैं और आसानी से नहीं छूटते।

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