Cyber Crime: मैजिक पेन से हो रही ठगी, शातिर बदमाश बैंक खातों से उड़ा लेते हैं लाखों रुपये
मैजिक पैन में खास तरह की स्याही प्रयोग की जाती है। इस पैन से लिखने के बाद दो से तीन घंटे बाद स्याही उड़ जाती है और लिखा हुआ स्वत मिट जाता है। ठग सामने वाले व्यक्ति से छोटी रकम का चेक लेते हैं।
फरीदाबाद [हरेंद्र नागर]। मैजिक पेन से ठगी का मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मैजिक पेन से सेक्टर-28 निवासी सेवानिवृत्त जेई को निशाना बनाया गया। उनके खात से 3.40 लाख रुपये साफ कर दिए। लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त जेई सतपाल सिंगला को के मुताबिक, उनकी कार की वारंटी 10 सितंबर 2020 को खत्म होनी थी। 2 सितंबर को उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को कार कंपनी का अधिकारी बताया। कहा कि उनकी कार की वारंटी खत्म हो रही है। उसे रिन्यू करने के लिए उनका एक कर्मचारी भेजा जा रहा है। उसी दिन शाम को एक युवक उनके पास पहुंचा। उसने बताया कि कार कंपनी की तरफ से आया है। वारंटी रिन्यू करने का शुल्क उसने 1050 रुपये बताया। भुगतान बैंक चेक से करने को कहा। सतपाल सिंगला ने चेक साइन करके दे दिया। चेक पर रकम उस युवक ने अपने पैन से अंकित की। इसके बाद चेक लेकर चला गया। अगले दिन सतपाल सिंगला के खाते से उसी चेक के माध्यम से सेक्टर-15 स्थित बैंक से 3.40 लाख रुपये निकाल लिए गए। अब मामला दर्ज कराने के लिए उन्होंने पुलिस आयुक्त ओपी सिंह को शिकायत दी है।
क्या है मैजिक पैन
मैजिक पैन में खास तरह की स्याही प्रयोग की जाती है। इस पैन से लिखने के बाद दो से तीन घंटे बाद स्याही उड़ जाती है और लिखा हुआ स्वत: मिट जाता है। ठग सामने वाले व्यक्ति से छोटी रकम का चेक लेते हैं। उस पर उनके पैन से हस्ताक्षर करा लेते हैं। इसके बाद रकम अपने पास रखे मैजिक पैन से भरते हैं। कई बार हस्ताक्षर कराकर चेक मैजिक पैन से कैंसल करते हैं। चेक देने वाले को लगता है कि उसके सामने रकम भरी गई है या चेक कैंसल हुआ है। मगर थोड़ी देर बाद चैक पर से स्याही उड़ जाती है। इसके बाद ठग मनचाही रकम चेक पर भरकर उस व्यक्ति के बैंक खाते से निकाल लेते हैं या अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं।
साल 2016 से अब तक सामने आ चुके हैं कई मामले
यह कोई पहली बार नहीं है, जब जिले में इस पैन से ठगी का मामला सामने आया हो। साल 2016 से अब तक इस पैन के जरिये ठगी के कई मामले हो चुके हैं। खास बात ये है कि ठगों तक पहुंचने में पुलिस भी अब तक कामयाब नहीं हो पाई है।
जुलाई 2016 : चालू बैंक खाते की ओवर ड्राफ्ट लिमिट बढ़ाने और कम ब्याज दर पर कर्ज का झांसा देकर ठगों ने संजय कॉलोनी निवासी कारोबारी रामकिशोर गर्ग छह कैंसल चेक ले लिए। इन चेकों को मैजिक पेन से कैंसल करवाया था। उन कैंसल चेक में राशि भरकर ठगों ने 2.60 लाख रुपये का भुगतान करा लिया।
अपैल 2016 : सेक्टर-23 में वर्कशॉप मालिक नौरतनमल को दो युवकों ने बैंक खाते की क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया। इसके लिए अपने पास रखे पैन से उनके चैक कैंसल करके ले लिए। बाद में उन चेक से दो लाख रुपये उड़ा लिए।
फरवरी 2017 : हरीनगर बल्लभगढ़ निवासी वर्कशॉप मालिक कृष्ण कुमार से लोन दिलाने का झांसा देकर चेक लिए गए। बाद में उन चेक से पांच लाख की चपत लगाई।
मार्च 2017 : नेहरू कॉलोनी एनआइटी निवासी ठेकेदार नवीन कुमार को हाउस लोन दिलाने का झांसा देकर ठगों ने कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के नाम उनसे तीन चेक ले लिए। बाद में उनमें से एक चेक का प्रयोग कर ठेकेदार के खाते से 35 हजार रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए।
जुलाई 2017 : सेक्टर-18 निवासी वर्कशॉप मालिक अनिल कुमार को दो ठगों ने लोन दिलाने का झांसा देकर दो चेक हासिल किए। उन्हें अपने पैन से कैसल किया। बाद में चैकों से 5.90 लाख रुपये निकाल लिए।
जून 2019 : गांव पाली निवासी प्रमोद कुमार से बैंक चैक हासिल कर खाते से 10 हजार रुपये निकाले गए थे। बाद में पुलिस ने इस मामले में एक शख्स के गिरफ्तार भी किया था।
बरतें ये सावधानी
पुलिस आयुक्त ओपी सिंह के मुताबिक मैजिक पैन की ठगी से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतें। किसी को चेक देना हो तो अपने पैन से हस्ताक्षर करके ही दें। जहां रकम भरी गई है, उसके ऊपर पारदर्शी टेप चिपकाना भी सही रहता है। होम लोन, क्रेडिट कार्ड या बैंक से किसी भी तरह का कॉल आने पर सतर्क हो जाएं। अगर बैंक से संबंधित कोई काम है तो बैंक में जाकर कराएं। अगर किसी को कैंसल चेक देना है तो अपने पेन से क्रॉस करके दें। उस पर यह भी लिखें कि चेक किस लिए दिया गया है साथ ही तारीख भी डालें। किसी को अपने कागजातों की फोटो कॉपी देते हुए भी यही सावधानी बरतें। अगर बैंक कर्मी बनकर कोई आपसे चेक हासिल करने की कोशिश करे तो चुपके से पुलिस को सूचित कर दें। ऐसे लोग बैंकों के फर्जी आइकार्ड भी बनवाकर रखते हैं, ऐसे में आइकार्ड दिखाए जाने पर भी उनके झांसे में न आएं।
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