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बचपन में पिता की सर्विस रिवॉल्वर चलाने की जिद ने बनाया रिद्धम को अचूक निशानेबाज Faridabad News

बचपन में पिता की सर्विस रिवाल्वर देख रिद्धम उसे चलाने की जिद करती थीं। जिद पूरी करने के लिए पिता ने उन्हें खिलौने वाली पिस्टल लाकर दे दी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 03:14 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 03:14 PM (IST)
बचपन में पिता की सर्विस रिवॉल्वर चलाने की जिद ने बनाया रिद्धम को अचूक निशानेबाज Faridabad News
बचपन में पिता की सर्विस रिवॉल्वर चलाने की जिद ने बनाया रिद्धम को अचूक निशानेबाज Faridabad News

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। बचपन में पिता की सर्विस रिवॉल्वर देख उसे चलाने की रिद्धम सांगवान ने ऐसी जिद ठानी कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज बन देश का नाम रोशन कर रही हैं। राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पदक जीतने वाली रिद्धम ने 13 नबंर को कतर की राजधानी दोहा में संपन्न हुई 14वें एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में दस मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीत परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

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अचूक निशानेबाज रिद्धम की स्वर्णिम सफलता के पीछे रोचक कहानी है। रिद्धम सेक्टर-19 स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में दसवीं की छात्रा हैं। पिता नरेंद्र सांगवान हरियाणा पुलिस में अधिकारी हैं और इस समय हिसार में डीएसपी पद पर कार्यरत हैं।

बचपन में पिता की सर्विस रिवाल्वर देख रिद्धम उसे चलाने की जिद करती थीं। जिद पूरी करने के लिए पिता ने उन्हें खिलौने वाली पिस्टल लाकर दे दी। जब रिद्धम थोड़ी बड़ी हुईं तो असली पिस्टल चलाने की जिद करने लगीं। चूंकि रिद्धम के ननिहाल में सब लोग निशानेबाजी पसंद करते थे, इसलिए इस खेल में जाने की उनमें प्रेरणा जगी। फिर क्या था पिता ने उनके हाथों में असली एयर पिस्टल थमा दी।

चार साल पहले रिद्धम ने विधिवत रूप से शूटिंग रेंज में जाना शुरू कर दिया और फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आज नरेंद्र सांगवान का ड्राइंग रूम बेटी द्वारा हासिल ट्रॉफियों से सजा हुआ है। स्वर्ण, रजत व कांस्य पदकों की कोई गिनती ही नहीं।

कोच के लिए करनी पड़ी मशक्कत: कहते हैं गुरु के बिना शिष्य की साधना अधूरी रहती है। इसी तरह जब तक कोच का मार्गदर्शन न हो, सही-गलत का ज्ञान न हो तो खिलाड़ी की प्रतिभा को ढंग से तराशा नहीं जा सकता। शुरुआत में रिद्धम के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।

चार साल पहले शूटिंग शुरू करने के लिए पिता को कोच ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। उन्हें ऐसा कोच नहीं मिल रहा था, जो रिद्धम को शूटिंग की बारीकियां सिखा सके। उन्हें खेल में महिर कर सके। एक दिन नरेंद्र सांगवान ने र्शूंटग रेंज पर अपने सहकर्मी थाना प्रभारी विनीत को अभ्यास करते देख लिया और उन्हें रिद्धम को शूटिंग के गुर सिखाने को कहा। उनके ही मार्गदर्शन में रिद्धम एशियाई खेलों में पदक जीतने में कामयाब रहीं।

उपलब्धियां

- 2019: डीपीएस नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप अंडर-17 में रजत पदक।

-2019 : 14वीं एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप दोहा में स्वर्ण पदक।

-2018 : कुमार सुरेंद्र सिंह इंटर स्कूल नेशनल चैंपियनशिप अंडर-17 में स्वर्ण पदक।

-2018 : डीपीएस नेशनल स्कूल चैंपियनशिप अंडर-17 में रजत पदक।

-2018 : 64वीं नेशनल स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप 

-अंडर-17 में एकल व युगल वर्ग में दो कांस्य पदक।

-2018 : महिला सिविलयन के टीम इवेंट में स्वर्ण पदक।

-2018 : 62वीं महिला जूनियर नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप के टीम इवेंट में स्वर्ण पदक।

-2018 : 62वीं महिला नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

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