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पहले की मातृभूमि की सेवा, अब लड़ रहे हैं कोरोना संक्रमण से; कुछ ऐसी है तेजपाल की स्टोरी

तेजपाल शर्मा ने बताया कि सेना की टुकड़ी शामिल होने से पूर्व प्रशिक्षण के दौरान विपरीत परिस्थितियों में भी मस्तिष्क और ध्यान को स्थिर रखने की सीख दी जाती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 01:35 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 01:35 PM (IST)
पहले की मातृभूमि की सेवा, अब लड़ रहे हैं कोरोना संक्रमण से; कुछ ऐसी है तेजपाल की स्टोरी
पहले की मातृभूमि की सेवा, अब लड़ रहे हैं कोरोना संक्रमण से; कुछ ऐसी है तेजपाल की स्टोरी

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। भारतीय सेना में रहकर अपनी मातृभूमि की रक्षा का फर्ज निभाने के बाद अब तेजपाल शर्मा कोरोना से जंग में अपने सामाजिक दायित्व को निभा रहे हैं। कोविड ड्यूटी के दौरान जून में तेजपाल संक्रमित भी हो गए थे, लेकिन कोरोना का संक्रमण भी सामाजिक कर्तव्य को निभाने के हौंसले को नहीं तोड़ पाया। कोरोना को मात देकर दोबारा से कोविड ड्यूटी में लग गए हैं। उन्हें मोबाइल वैन का चालक बनाया गया है।

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तेजपाल शर्मा ने बताया कि सेना की टुकड़ी शामिल होने से पूर्व प्रशिक्षण के दौरान विपरीत परिस्थितियों में भी मस्तिष्क और ध्यान को स्थिर रखने की सीख दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान दी गई यह सीख कोरोना संक्रमण के दौरान काफी काम आई। संक्रमित होने का पता चलने के बाद बिल्कुल भी घबराया नहीं और घर में सबको बताने के बाद खुद को परिवार से अलग कर लिया। तेजपाल को अपने नाती पोतों से बहुत लगाव है, लेकिन उन्हें भी अपने करीब नहीं आने दिया। दस दिन में परिवार से अलग रहने के बाद दोबारा से जांच कराई, तो रिपोर्ट नेगेटिव आई और दोबारा से मोबाइल वैन की स्टीयरिंग संभाल ली।

बड़े अधिकारियों के बन चुके हैं सारथी

तेजपाल शर्मा ने बताया कि वह उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित कई बड़े अधिकारियों के वाहनों को चालक रह चुके हैं और आज भी अधिकारी उन्हें याद करते हैं।

गर्म वस्तुओं के सेवन से कोरोना रहेगा दूर

कोरोना को मात देने के बाद तेजपाल अपने अनुभवों को नए संक्रमितों के साथ अवश्य साझा करते हैं। सबसे पहले वह उन्हें हौंसला बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा वह संक्रमितों को दवाओं के साथ गर्म पानी, भाप, आयुष का काढ़ा दिन में दो बार अवश्य लेने सलाह देते हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा होम आइसोलेशन को बनाए गए नियमों का पालने की भी सलाह देते हैं। यशपाल के अनुसार अनुभव साझा करने से दूसरे संक्रमित को कोरोना से लड़ने की शक्ति मिलती है।

प्लाज्मा देने के लिए भी प्रेरित करते हैं

तेजपाल शर्मा संक्रमितों को कोरोना से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ उन्हें अन्य लोगों की मदद कर कोरोना योद्धा बनने की भी प्रेरणा देते हैं। वह लोगों से अपील करते हैं कि वह ठीक होने बाद अन्य संक्रमितों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा अवश्य डोनेट करें। आपका प्लाज्मा गंभीर संक्रमित को बिल्कुल स्वस्थ हो सकता है।


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