Faridabad: रात के समय बड़े स्तर पर हो रहा मिट्टी का अवैध खनन, माफिया के सामने फेल हुई टास्क फोर्स
खनन मंत्री के जिले में खनन माफिया के सामने टास्क फोर्स फेल नजर आ रही है। ग्रेटर फरीदाबाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के काटे गए ऐसे सेक्टर जिनमें अभी मकान नहीं बने हैं उनमें रात के समय बड़े स्तर पर मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। खनन मंत्री के जिले में खनन माफिया के सामने टास्क फोर्स फेल नजर आ रही है। ग्रेटर फरीदाबाद में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के काटे गए ऐसे सेक्टर जिनमें अभी मकान नहीं बने हैं उनमें रात के समय बड़े स्तर पर मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है।
मिट्टी खनन माफिया इतना अधिक सक्रिय है कि सेक्टरों में 20 से 50 मीटर तक खोदाई कर डाली है। सबसे ज्यादा समस्या 75, 77, 78 और 80 में है। ये सेक्टर गांवों के नजदीक हैं। सूत्रों का कहना है कि आस-पास गांवों के युवा खनन में संलिप्त हैं। वे ट्रैक्टर-ट्राली और डंपरों से खनन कर रहे हैं।
मिट्टी खोदाई के लिए अर्थमूवर मशीन का प्रयोग किया जाता है। रात में खनन विभाग की टीम कार्रवाई से डरती है। वहीं स्थानीय पुलिस के साथ ये लोग मिलीभगत कर लेते हैं। करीब 15 दिन पहले सेक्टर-83 में खनन माफिया ने खोदाई करते वक्त फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की पानी की पाइपलाइन को तोड़ दिया था। इससे हेरिटेज सोसायटी में 15 दिन से पानी की आपूर्ति बाधित है। एफएमडीए के अधिकारियों की शिकायत पर खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
बिल्डरों को बेच रहे मिट्टी
इन सेक्टरों से खोदी गई मिट्टी बिल्डरों को बेची जा रही है। साफ मिट्टी की एक ट्राली की कीमत पांच हजार रुपये तक है। वहीं डंपर की कीमत सात हजार रुपये तक है। ग्रेटर फरीदाबाद में बड़े स्तर पर निर्माण हो रहा है। शहर में और भी निर्माण कार्य चल रहे है। भवन निर्माण में कई बार भरत की जरूरत के लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है, साथ ही ईंट भट्टों पर मिट्टी की आपूर्ति होती है।
अवैध रूप से खोदाई कर निकाली गई मिट्टी बिल्डरों व ईंट भट्टा मालिकों को ही बेची जा रही है। यह भी बता दें कि पिछले दो महीनों से लगातार जिला उपायुक्त विक्रम सिंह अवैध खनन रोकने के लिए टास्क फोर्स समिति की बैठक ले रहे हैं, जिसमें एसडीएम, खनन अधिकारी, पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए, पर यह टास्क फोर्स भी खनन माफिया पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
100 से अधिक प्लाटधारक गए हाईकोर्ट
अवैध रूप से मिट्टी खनन किए जाने के मामले में सेक्टर-77,78 के 100 से ज्यादा प्लाटधारक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इन लोगों ने एचएसवीपी के प्लाट खरीदे थे। कुछ समय बाद जब उन्होंने आकर देखा तो उनके प्लाटों में कई मीटर तक मिट्टी खोदी जा चुकी थी।
अब प्लाट बनाने के लिए उन्हें प्लाट समतल करना होगा। भराव के लिए उन्हें लाखों रुपये खर्च करने होंगे। उन्होंने एचएसवीपी से इस बारे में शिकायत की तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अपने प्लाट की देखरेख की जिम्मेदारी प्लाटधारक की है। अधिकारियों ने इस मामले में हाथ खड़े कर लिए। तब लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
खोदे गए प्लाटों में जमा होता है गंदा पानी
ग्रेटर फरीदाबाद में अभी सीवर लाइन व्यवस्थित नहीं है। मिट्टी खनन माफिया ने जिन प्लाटों को खोद दिया है, उनमें मौका देख कर शहर में सेप्टी टैंक चलाने वाले गंदा पानी ग्रेटर फरीदाबाद में ले जाकर खाली करते हैं। इससे ग्रेटर फरीदाबाद में गंदगी बढ़ रही है। यही नहीं मानसून में जब अच्छी वर्षा होगी तब उनमें वर्षा का पानी भर जाएगा और यह हादसों का कारण भी बन सकते हैं।
क्या बोले जिम्मेदार?
मिट्टी खनन का मामला मेरे संज्ञान में अब आया है। खनन व पुलिस टीम को निर्देश दिए गए हैं कि रात में गश्त करके इस पर अंकुश लगाएं। एचएसवीपी को भी संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने चाहिए।
- मूलचंद शर्मा, खनन मंत्री
अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी खनन विभाग की है। अगर खनन टीम कहीं इस तरह की गतिविधि देखती है तो वह पुलिस की सहायता लेकर छापेमारी कर सकती है। हमारी टीम साथ कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार हैं। स्थानीय पुलिस की इसमें कहीं भी मिलीभगत नहीं है। अगर कहीं कोई संलिप्त पाया गया तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
- मुकेश मल्होत्रा, डीसीपी सेंट्रल