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Aravali, Faridabad House Encroachment: अरावली क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान जमकर हुआ अवैध निर्माणों में विस्तार

Aravali Faridabad House Encroachment लॉकडाउन के दौरान फरीदाबाद में आठ तो गुरुग्राम में सात नए फार्म हाउस बने। गुरुग्राम प्रशासन ने खोरी मामले से पहले ही नए और पुराने फार्म हाउस पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की है मगर फरीदाबाद प्रशासन इसमें पीछे रहा।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 09:36 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 09:36 AM (IST)
Aravali, Faridabad House Encroachment: अरावली क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान जमकर हुआ अवैध निर्माणों में विस्तार
Aravali, Faridabad House Encroachment: अरावली क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान जमकर हुआ अवैध निर्माणों में विस्तार

नई दिल्ली/फरीदाबाद/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। अरावली वन क्षेत्र में कोरोना महामारी के दौरान लगे लाकडाउन में खूब अवैध निर्माण हुए हैं। पहले से बने फार्म हाउस व अन्य संस्थानों ने भी इस दौरान अपने परिसर के निर्माणों में विस्तार किया। फरीदाबाद में आठ तो गुरुग्राम में सात नए फार्म हाउस बने। गुरुग्राम प्रशासन ने खोरी मामले से पहले ही नए और पुराने फार्म हाउस पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की है, मगर फरीदाबाद प्रशासन इसमें पीछे रहा। खोरी मामले के बाद फरीदाबाद प्रशासन ने अन्य अवैध निर्माणों पर तब कार्रवाई की जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद प्रवास के दौरान इनमें तोड़फोड़ के आदेश दिए थे। फरीदाबाद जिला के अरावली क्षेत्र में सूरजकुंड मार्ग से पश्चिम की तरफ तीन ऐसे रास्ते हैं जिनमें पांच किलोमीटर अंदर तक वन क्षेत्र की भूमि पर बैंक्वेट हाल बन गए हैं। इन तीनों रास्तों को पहाड़ की बजरी व रोड़ी से ही पक्का बना दिया गया है। अब इन पर तारकोल की कारपेटिंग ही करना बकाया है। ये बैंक्वेट हाल या फार्म हाउस सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संबंध रखने वाले लोगों के हैं।

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खोरी से हट रहा तो जमाई कॉलोनी में बढ़ रहा अतिक्रमण

खोरी से विस्थापित हुए काफी संख्या में लोग फरीदाबाद-गुरुग्राम मार्ग के बाएं और दाएं ओर बसी जमाई कॉलोनी में बस रहे हैं। दाएं ओर बसी जमाई कॉलोनी करीब 15 साल पुरानी है तो बाएं ओर बसी कॉलोनी सात साल पुरानी है। दोनों ही कॉलोनी वन क्षेत्र की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई गई हैं। इस सरकारी जमीन को भी माफिया ने ऐसे ही बेचा है जैसे खोरी को बेचा था।

गरीबों को लूटने वाले माफिया और छूट देने वाले भ्रष्ट तंत्र पर असर नहीं

खोरी गांव में वन क्षेत्र की 150 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण एक दिन में नहीं हुए। पिछले 20 साल में ये अतिक्रमण हुए हैं। गांववासियों की दलील है कि खोरी में सरकारी स्कूल व पार्क और बिजली की व्यवस्था है। पुरानी खोरी बस्ती हो या फिर नई जमाई कॉलोनी, इनमें सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने वालों पर भी क्या कोई कार्रवाई हो रही है, जिस माफिया ने यहां सरकारी जमीन का कब्जा देने के नाम पर गरीबों को लूटा, क्या उन पर कोई कार्रवाई होगी। अभी तक सिर्फ माफिया के नाम पर आठ एफआइआर दर्ज हुई हैं, जबकि यहां सरकारी जमीन बेचने वाले माफिया गिरोह में 50 से ज्यादा लोग शामिल हैं। ग्रामीण इस बात से खफा हैं कि इन कॉलोनियों को बसाने वाले अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।


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