फरीदाबाद में दिवाली पर आतिशबाजी भारी पड़ी, 50 लोग झुलसे
प्रतिबंध के बावजूद जिले में दीपावली वाली रात जमकर आतिशबाजी हुई। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिखाई दिया। अगले दिन यानी रविवार को सुबह 11 तक प्रदूषण का स्तर 442 पहुंच गया जो बेहद गंभीर श्रेणी मानी जाती है।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। दीपावली में आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों को भारी पड़ा। आतिशबाजी के दौरान जरा सी असावधानी के चलते कुछ लोगों का हाथ जल गया तो कुछ का चेहरा झुलस गया। जिले में नागरिक सहित निजी अस्पतालों में करीब 50 मामले पटाखों से जलने के आए हैं। नागरिक अस्पताल में दीपावली की मध्य रात्रि से रविवार दोपहर तक पटाखों से झुलसने के करीब 25 मामले पहुंचे। इसके अलावा इतने की मरीज निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचे हैं। गनीमत की बात यह रही कि कोई बड़ा झुलसने का मामला नहीं आया।
इसके अलावा पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हुई है और कई लोगों के एलर्जी की शिकायत हुई थी। नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में सांस एवं एलर्जी वाले करीब 15-20 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इन सभी को प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आठ एंबुलेंस नागरिक अस्पताल अस्पताल में तैनात की थी, जबकि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक एंबुलेंस तैनात की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि इस बार कम पटाखे चले हैं। इसके चलते कोई भी गंभीर जलने का मामला नहीं है।
अस्थमा के मरीज कुछ रहे घर में ही
क्यूआरजी हेल्थ सिटी अस्पताल के श्वास रोग विशेषज्ञ डा. पंकज छाबड़ा ने बताया कि अस्थमा के मरीजों को कुछ दिनों तक अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। पटाखों से निकलने वाला जहरीला धुआं हमारे वातावरण में मौजूद हैं और यह अस्थमा के मरीजों के साथ-साथ सामान्य लोगों के लिए खतरनाक होता है। अस्थमा के मरीज घर से कम से कम निकले हैं और मुंह पर मास्क लगाकर निकले। समय पर दवाएं एवं इन्हेलर लें। अस्थमा एवं स्वस्थ दोनो गर्म पानी से भाप ले। इससे काफी आराम मिलता है। यदि किसी के एलर्जी अधिक है, तो वह तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
जमकर हुई आतिशबाजी, वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 442
एनजीटी और सरकार के प्रतिबंध के बावजूद जिले में दीपावली वाली रात जमकर आतिशबाजी हुई। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिखाई दिया। अगले दिन यानी रविवार को सुबह 11 तक प्रदूषण का स्तर 442 पहुंच गया जो बेहद गंभीर श्रेणी मानी जाती है। जबकि शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 के आसपास था। जिले के बाजार में कहीं चोरी-छिपे तो कहीं खुलेआम पटाखे बिकते हुए दिखाई दिए। बता दें गत वर्ष भी दीपावली के अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के अासपास पहुंच गया था। हालांकि थोड़ी राहतभरी बात यह रही कि रविवार सुबह हल्की हवा चल रही थी और धूप भी खिली हुई थी। इस वजह से प्रदूषण का स्तर अधिक नहीं बढ़ सका।
300 के आसपास था स्तर
पिछले कुछ दिन से धूप खिलने और हवा चलने का असर प्रदूषण का स्तर पर दिखाई दे रहा था। इस वजह से 300 और 350 के बीच में प्रदूषण का स्तर रहा था। जिससे आमजन थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे। हालांकि इस बात का सभी को अंदाजा था कि दीपावली वाली रात पटाखे जरूर चलाए जाएंगे। जिस वजह से अगले दिन प्रदूषण के स्तर में काफी बढ़ोतरी दर्ज होगी।
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