यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा, खेतों तक पहुंचा पानी Faridabad News
प्रशासन ने सरपंचों को और जिले के अधिकारियों को संभावित बाढ़ से निपटने के लिए जरुरी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
फरीदाबाद, जेएनएन। यमुना का जल स्तर बढ़ने से फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार को बल्लभगढ़ के शाहपुरा खादर और गांव अरवा में यमुना का पानी खेतों तक पहुंच गया है। गांव चांदपुर मिठो करो में भी यमुना नदी का पानी पहुंच चुका है।
वहीं शास्त्री पार्क यमुना खादर में जिला प्रशासन ने यमुना किनारे के पास ऊंचे स्थान पर टेंट लगा दिए हैं। लोगों को खाना भी वितरित किया जा रहा है। प्रशासन ने सरपंचों को और जिले के अधिकारियों को संभावित बाढ़ से निपटने के लिए जरुरी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
अस्थायी शिविर बनाने की तैयारी
बल्लभगढ़ में यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने खेतों में रहने वाले किसानों को घर बुला लिया है। कई गांवों की आबादी को ऊंचे पर रखने के लिए अस्थायी शिविर बनाने की तैयारी की है। एसडीएम ने खुद नदी के
किनारे के गांवों का दौरा करके जायजा लिया।
बुधवार को दिखेगा असर
सिंचाई विभाग के अनुसार, हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर बुधवार को दिखाई देगा। यमुना में रविवार की शाम को यमुनानगर हथनी कुंड बैराज से 8.24 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। सिंचाई विभाग का दावा है कि पिछले 20 वर्षों में ये अब तक सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया है। जिससे फसलों को काफी नुकसान
होने की उम्मीद है।
इन जगहों पर बाढ़ प्रभावित लोगों को ठहराया जाएगा
वहीं, उत्तर प्रदेश की तरफ खेतों पर रहने वाले किसानों और गांवों की आबादी को गांव अरुआ, मोठूका, छांयसा और फरीदाबाद के बसंतपुर, लालपुर, ददसिया के सरकारी स्कूलों में ठहराया जाएगा। ग्रामीणों को मंगलवार की शाम को इन अस्थायी शिविरों में बुलाया जाएगा। अभी तक जिले के किसी भी गांव की आबादी में पानी नहीं घुसा है। यमुना किनारे बसे गांवों में हर पल की खबर देने के लिए प्रशासन ने सभी पटवारियों और पंचायतों के सचिवों की ड्यूटी लगाई है। बाढ़ नियंत्रण के लिए जिला प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं जिला राजस्व अधिकारी और बल्लभगढ़ के एसडीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
रात तक यमुना में पानी का स्तर और बढ़ने की आशंका
बता दें कि यमुनानगर के हथनीकुंड बैराज पर रविवार शाम 6 बजे यमुना नदी में 8,28,072 क्यूसिक पानी मापा गया। यह हथनीकुंड बैराज बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है। इससे जिले में बहने वाली यमुना नदी से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। रात तक यमुना में पानी का स्तर और बढ़ने की आशंका है। इसे देखते हुए प्रशासन चौकस हो गया है और मुनादी करानी शुरू कर दी है।
हालात पर रखी जा रही नजर
बाढ़ की आशंका के चलते किसान चिंतित हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने भी आवश्यक प्रबंध करने शुरू कर दिए हैं। सभी तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को गांव में ही रुकने के आदेश दिए गए हैं। दिन-रात यमुना नदी पर नजर रखी जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी सिंचाई विभाग के अधिकारियों के संपर्क में हैं, उनसे पता किया जा रहा है कि यमुना नदी कि कितना पानी बह रहा है।
यमुना नदी की तलहटी में बसे आशियाने यमुना नदी की तलहटी में कटी अवैध कॉलोनियों में काफी मकान भी बनाए जा चुके हैं और लोग रह भी रहे हैं। इसके अलावा काफी कॉलोनियों ऐसी हैं जिन्होंने बाउंड्रीवाल, डीपीसी की हुई है। इतना ही नहीं ऐसी कॉलोनियों में रोड नेटवर्क के साथ-साथ बिजली व पानी की भी पूरी व्यवस्था की हुई है।
इन गांवों में बाढ़ का खतरा
यमुना नदी किनारे बसे हुए गांवों में बसंतपुर, चिरसी, कबूलपुर पट्टी, ददसिया, तिलोरी खादर, अमीपुर, मंझावली, लालपुर व किड़ावली में अवैध कॉलोनियां काटी गई थी। बाढ़ की आशंका के चलते अधिकारियों ने बसंतपुर में यमुना नदी की तलहटी में बने मकानों को खाली करने के लिए कहा है।
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