फरीदाबाद, जागरण संवाददाता: आठ जून, 2022 से प्रदेश में प्रभावी हुए हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम के तहत एसजीएम नगर थाने में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। युवती के पिता इंश्योरेंस एडवाइजर धीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि एक युवक ने अपने परिवार के साथ मिलकर पहले उसकी बेटी का मतांतरण कराया। इसके बाद उसके साथ निकाह कर लिया। पिता की शिकायत पर पुलिस ने युवक, उसके पूरे परिवार, एफिडेविट बनाने वाले नोटरी, गवाह, निकाह कराने वाले काजी को भी आरोपित बनाया है।
दोषियों को 10 साल की जेल व पांच लाख जुर्माना
इस अधिनियम के तहत दोष साबित होने पर तीन से 10 साल तक की जेल व पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। धीरज ने बताया कि उनकी 22 वर्षीय बड़ी बेटी संस्कृति एक निजी बैंक में काम करती है। एसजीएम नगर में रहने वाले जावेद नामक युवक ने गुमराह कर उसे अपने जाल में फंसाया। जावेद का अर्थमूवर व डंपर आदि का काम है। पिछले साल जावेद के स्वजन शादी का प्रस्ताव लेकर उनके घर आए थे, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। इसके बाद जावेद व उसके परिवार वालों ने 28 अक्टूबर, 2022 को संस्कृति का मतांतरण और निकाह करा दिया। सुरक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर की।
नहीं हुआ संस्कृति का मतांतरण नहीं हुआ
अदालत ने जब नोटिस भेजा तो उन्हें मामले का पता चला। धीरज का कहना है कि उनकी बेटी संस्कृति का हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम 2022 के अनुसार मतांतरण नहीं हुआ है। ऐसे में मतांतरण के साथ निकाह भी अमान्य है। उनकी शिकायत पर संस्कृति, जावेद खान, फिरोज खान (जावेद का भाई), लियाकत अली (जावेद का पिता) जावेद की मां पायल (निकाह की गवाह), इरशाद (निकाह का गवाह) मो. अब्दुल सजान (निकाह कराने वाला काजी), ईश्वर प्रसाद (नोटरी) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।