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नकली पुलिस ने रचा हनी ट्रैप का खेल, डेढ़ लाख में सैटल होना था मामला तभी आ गई असली पुलिस

एसीपी धारणा यादव ने बताया कि दिल्ली निवासी 25 वर्षीय महिला एक डॉक्टर के पास मरीज बनकर गई थी। फिजियोथेरेपी कराने के लिए वह रोज डॉक्टर के पास आने लगी। इसके बाद यह क्राइम की गई।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 05:09 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 05:09 PM (IST)
नकली पुलिस ने रचा हनी ट्रैप का खेल, डेढ़ लाख में सैटल होना था मामला तभी आ गई असली पुलिस
नकली पुलिस ने रचा हनी ट्रैप का खेल, डेढ़ लाख में सैटल होना था मामला तभी आ गई असली पुलिस

प्रवीन कौशिक [फरीदाबाद]। खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक महिला के साथ मिलकर डॉक्टर को हनीट्रैप में फंसाने के आरोप में क्राइम ब्रांच सेक्टर-85 की टीम ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। महिला सहित तीनों आरोपितों ने डॉक्टर से दुष्कर्म के मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर 20 लाख रुपये की मांग की थी। इसके बाद में सौदा डेढ़ लाख में तय हुआ। आरोपितों में से एक हरियाणा पुलिस का पूर्व कर्मचारी है। इस कर्मचारी को 1992 पुलिस से हटा दिया गया था।

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महिला मरीज बन कर गई थी फिजियोथेरेपी कराने 

एसीपी धारणा यादव ने बताया कि दिल्ली निवासी 25 वर्षीय महिला एक डॉक्टर के पास मरीज बनकर गई थी। फिजियोथेरेपी कराने के लिए वह रोज डॉक्टर के पास आने लगी। कुछ दिन बाद महिला ने डॉक्टर से दोस्ती की और कहा कि वह उससे होटल में मिलना चाहती है।

होटल में बगल के कमरे में मौजूद थे दो साथी

आरोपित महिला डॉक्टर को अपने साथ होटल में लेकर गई। वहां बगल के कमरे में इसके दो साथी आरोपित पहले से ही मौजूद थे। इन्होंने महिला व डॉक्टर की फोटो खींच ली। एक-दो दिन बाद नकली पुलिसकर्मी बनकर सब इंस्पेक्टर प्रवीण ने डॉक्टर को फोन किया और बताया कि वह सेक्टर-30 क्राइम से हैं। प्रवीण ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है कि आपने किसी महिला के साथ गलत काम किया है। उनके पास फोटो भी हैं। इसलिए आपके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

पुलिस का नाम लेते ही डर गया डॉक्‍टर

यह सुनकर डॉक्टर डर गया और उसने तुरंत महिला से संपर्क किया। इसके बाद महिला डॉक्टर से मिलने के लिए एक युवक के साथ आई। युवक का नाम राहुल था और महिला उसे अपना भाई बता रही थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच के नकली एसआइ प्रवीन और हवलदार ब्रहम और महिला और उसके नकली भाई राहुल के बीच सेक्टर-31 टाउन पार्क में मीटिंग हुई। मीटिंग के दौरान आरोपितों ने डॉक्टर से 20 लाख रुपए की मांग की। डॉक्टर ने इतने पैसे न देने के बारे में बताया।

फैसला एक लाख में हुआ सेटल

इसके बाद डेढ़ लाख रुपये में फैसला हो गया। इसके बाद इसकी शिकायत डॉक्टर ने पुलिस आयुक्त से कर दी। पुलिस आयुक्त ने सेक्टर-85 क्राइम ब्रांच को आरोपितों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए कहा। डॉक्टर सोमवार रात 11 बजे टाउन पार्क के गेट के पास 20 हजार रुपये लेकर आ गया। उसने आरोपितों से कहा बचे हुए पैसे बाद में दे देगा।

20 हजार रुपये के साथ क्राइम ब्रांच के स्‍टाफ ने किया गिरफ्तार

उसी वक्त मौके पर ही छिपे हुए क्राइम ब्रांच के स्टाफ ने आरोपितों को 20 हजार रुपये सहित रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत के लिए नीमका जेल भेज दिया गया है। एसीपी धारणा यादव ने बताया कि अभी एक आरोपित राहुल की गिरफ्तार बकाया है।


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