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डेंगू जांच के नाम पर हो रही ज्यादा वसूली

जिले में डेंगू जांच के नाम पर सरकार की ओर से तय शुल्क से ज्यादा वसूली की जा रही है। इस मामले में शिकायत आने पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों तथा लैब में शुल्क वसूली की जांच शुरू कर दी है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रामभगत ने पांच अस्पतालों की लैब में जांच की तो पता लगा कि सेक्टर-दस की लैब में संचालक ने डेंगू जांच के 1100 रुपये वसूल किए थे। इस मामले में अब मलेरिया विभाग की ओर से लैब संचालक को नोटिस भेजा गया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने निजी लैब में डेंगू जांच का 600 रुपये शुल्क

By Edited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 03:01 AM (IST)
डेंगू जांच के नाम पर हो रही ज्यादा वसूली
डेंगू जांच के नाम पर हो रही ज्यादा वसूली
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: जिले में डेंगू जांच के नाम पर सरकार की ओर से तय शुल्क से ज्यादा वसूली की जा रही है। इस मामले में शिकायत आने पर स्वास्थ्य विभाग ने शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों तथा लैब में शुल्क वसूली की जांच शुरू कर दी है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रामभगत ने पांच अस्पतालों की लैब में जांच की तो पता लगा कि सेक्टर-दस की लैब में संचालक ने डेंगू जांच के 1100 रुपये वसूल किए थे। इस मामले में अब मलेरिया विभाग की ओर से लैब संचालक को नोटिस भेजा गया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने निजी लैब में डेंगू जांच का 600 रुपये शुल्क तय किया हुआ है। सरकारी लैब में डेंगू की नि:शुल्क जांच की जाती है। बहुत से लोगों को डेंगू की आशंका होती है तो वे निजी लैब में जांच कराते हैं। स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें मिल रही थीं कि कई जगह डेंगू जांच के ज्यादा वसूले जा रहे हैं। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने मलेरिया विभाग के एक कर्मचारी धर्मवीर को तैयार करके एक पर्ची पर डेंगू टेस्ट लिख कर सेक्टर-10 की लैब में भेजा। धर्मवीर का रक्त सीरम लेकर वहां डेंगू की जांच की गई और 1100 रुपये शुल्क लिया गया। जैसे ही धर्मवीर को शुल्क की रसीद मिली, मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रामभगत पहुंच गए। इसके बाद मामले की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीके राजौरा को स्थिति से अवगत कराया गया। हालांकि बाद में लैब संचालक की ओर से धर्मवीर को शुल्क की राशि लौटा दी गई। हमने सेक्टर-10 के लैब संचालक को डेंगू जांच के नाम पर ज्यादा शुल्क वसूलने पर कारण बताओ नोटिस भेजा है। जवाब देने को एक सप्ताह का समय दिया गया है। जवाब आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीके राजौरा के दिशा-निर्देशानुसार आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. रामभगत, जिला मलेरिया अधिकारी।

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