Faridabad News: फरीदाबाद के इन इलाकों में आज और कल रहेगी पानी की किल्लत
Faridabad News फरीदाबाद के कई इलाकों में मंगलवार और बुधवार को पीने के पानी की किल्लत रहेगी। दरअसल रेनीवेल लाइन फटने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। इसके चलते एनआइटी एक दो तीन और पांच नंबर में लोगों को पेयजल के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। रेनीवेल की ददसिया लाइन के फट जाने से सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई। यह लाइन गांव वजीरपुर से होते हुए एनआइटी एक, दो, तीन, चार और पांच नंबर में आती है। प्रेशर से पानी आने से वजीरपुर में लाइन फट गइ थी। लोग पेयजल को तरसते रहे। बहुत से लोग दिन भर बूस्टिंग स्टेशन पर चक्कर लगाते रहे, मगर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
रेनीवेल से बूस्टिंग स्टेशन तक नहीं पहुंचा पानी
रेनीवेल से बूस्टिंग स्टेशन तक पानी नहीं पहुंचा, इसके चलते बूस्टिंग स्टेशन की मोटरें नही चलीं। तीन नंबर ईएसआइ बूस्टिंग स्टेशन से पूरे तीन नंबर क्षेत्र और दो नंबर के बड़े हिस्से में पानी की आपूर्ति होती है। पहले यहां पुरानी मोटरें लगी हुई थीं और बिजली सप्लाई पैनल भी जर्जर हालत में थे।
लाइनें फटने से बिगड़ रहा सिस्टम
इस कारण कभी मोटर खराब जाती थी, तो कभी पैनल में फाल्ट के कारण पानी आपूर्ति बाधित होती रहती थी। बाद में बिजली के पैनल बदले गए तो सुधार की उम्मीद बंधी, मगर अब लाइनें फटने से सिस्टम बिगड़ रहा है। तीन नंबर निवासी वसुमित्र सत्यार्थी ने बताया कि पिछले एक महीने से समस्या बढ़ गई है। कई बार दो-दो दिन तक पानी नहीं आता।
पहले भी हुई थी ऐसी दिक्कत
पहले 31 अगस्त, एक सितंबर और पांच सितंबर को भी पेयजल आपूर्ति बाधित हुई थी। तीन नंबर सी ब्लाक निवासी ललित खेड़ा, राजकुमार आजाद, चंद्र चितकारा और राम कुमार ने बताया कि पानी की आपूर्ति बार-बार बाधित होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। निवर्तमान पार्षद जसवंत सिंह तथा मनोज नासवा ने बताया कि पेयजल किल्लत को देखते हुए उन्होंने नगर निगम और एफएमडीए के अधिकारियों से बातचीत की थी, संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
जेई नीरज शर्मा ने बताया कि दिल्ली से पाइप मंगवाया गया है। मंगलवार को काम शुरू होगा। ऐसे में बुधवार तक पेयजल आपूर्ति दुरुस्त हो पाएगी। नगर निगम के अधीक्षण अभियंता ओमबीर सिंह ने बताया कि मरम्मत कार्य के मंगलवार देर रात तक पूरा होने की उम्मीद है। जिन क्षेत्रों में दिक्कत अधिक है, वहां टैंकरों से पानी भेजा जाता है।