Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Paralympic 2024: PM मोदी भी हैं कायल, दिव्यांग प्रणव ऐसे ही नहीं बना 'सूरमा', देश को दिलाई कई बड़ी उपलब्धियां

Faridabad News दिव्यांग प्रणव ऐसे ही सूरमा नहीं बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी प्रतिभा के कायल हैं। महज 16 साल की उम्र में प्रणव की रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी जिससे उसके हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन उसने हौसला बढ़ाया और बी.कॉम ऑनर्स में स्नातक किया। इसके बाद देश को कई बड़ी उपलब्धि दिलाई।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 05 Sep 2024 02:08 PM (IST)
Hero Image
दिव्यांग प्रणव ने देश को कई बड़ी उपलब्धि दिलाई। जागरण फोटो

सुशील भाटिया, फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी के दिव्यांग प्रणव ने अपने लिए जो सपने बुने थे, जो लक्ष्य तय किए थे, उसे पेरिस में बुधवार की रात पैरालिंपिक गेम्स-2024 (Paralympic 2024) में पूरा कर दिखाया। प्रणव सूरमा ने अपनी एफ-51 श्रेणी में क्लब थ्रो स्पर्धा में रजत पदक जीत कर खेल जीवन के अपने सबसे बड़े सपनों में से एक को पूरा कर दिखाया।

प्रणव उस सूरमा का नाम है, जिसका लक्ष्य पढ़-लिखकर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना था, पर 2011 में प्रणव जब 16 साल के थे, तब एक परिचित के घर का छज्जा उन गिर गया। इस घटना में प्रणव की रीढ़ की हड्डी पर चोट पहुंची और हाथ-पैर दोनों ने काम करना बंद कर दिया था। फिर माता-पिता दीपिका-संजीव सूरमा, दादा केवल कृष्ण, बहन भावनी व मित्रों की दुआओं ने असर दिखाया।

प्रणव ने 93.5 फीसदी साथ उत्तीर्ण की थी 12वीं की परीक्षा

ईश्वर की कृपा से प्रणव की हालत में सुधार हुआ और शरीर ने कुछ काम करना शुरू किया। स्थिति और बेहतर हुई तो जिंदगी को पटरी पर लाने के उद्देश्य से प्रणव ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में बैठने का निश्चय किया। अपने उपनाम सूरमा के अनुरूप ही प्रणव ने खुद में सूरमाओं जैसा जज्बा दिखाया और 93.5 फीसदी अंकों के साथ प्रणव ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।

प्रणव ने पैरा खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को निखारा

दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.कॉम ऑनर्स में स्नातक करने से प्रणव का हौसला और बढ़ा। इसके बाद प्रणव ने अपने सीए बनने के सपने को पूरा करने की तैयारी भी शुरू की। सीए की परीक्षा का पहला व दूसरा चरण क्लीयर किया, पर इसे अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। खैर प्रणव टूटने के लिए नहीं बने थे, बल्कि मजबूत फौलादी इरादों से दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट पूरी की, साथ ही प्रणव ने पैरा खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को निखारना शुरू किया।

प्रदेश, फिर राष्ट्रीय और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का बखूबी प्रदर्शन कर पदक जीते। पढ़ाई के साथ खेलो में भी जुड़ी उपलब्धियों ने उसे बैंक ऑफ बड़ौदा में अधिकारी के पद पर नियुक्ति दिलाई। प्रणव ने 2022 में चीन में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था।

यह भी पढ़ें- क्‍या आप जानते हैं कि टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा सिक्‍स किस बल्‍लेबाज ने जड़े हैं? यहां देखें टॉप-5 की लिस्‍ट

दिल्ली में खेलो इंडिया पेरा गेम्स-2023 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रणव सूरमा ने स्वर्ण पदक जीता था और पांच साल पहले 2019 में चीन में बीजिग ग्रां-पिक्स में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रणव सूरमा की प्रतिभा के कायल हैं और व्यक्तिगत रूप से मिलकर पीठ थपाथपा चुके हैं।

यह भी पढ़ें- 'क्रिकेट के अनपढ़', पाकिस्‍तान के विशेषज्ञों पर भड़क गए पूर्व कप्‍तान; राष्‍ट्रीय टीम को भी जमकर लगाई फटकार