जब राह चलते लोगों को पुरानी के बदले मिल गई नई साइकिलें, बीमार लोगों को मिली फ्री में दवा Faridabad News
फरीदाबाद में बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन ने जरूरतमंदों को साइकिलें भेंटकर अनोखे अंदाज में दिवाली मनाई।
फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में निस्वार्थ सेवा भावना की मिसाल पेश कर बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन अपने अनोखे तरीकों से जरूरतमंदों की जरूरतें पूरी करने के लिए जानी जाती है। शहर के अकेले बुजुर्गो को टिफिन सेवा, असहाय लोगों को प्रति माह निर्धारित तारीख पर राशन, गरीब बच्चों की स्कूल की फीस, निजी अस्पतालों में भर्ती लोगों को जरूरत के समय उनके बिलों का भुगतान व प्रति माह निराश्रित व गरीब बच्चों को बड़े नामी रेस्टोरेंट ले जाकर उन्हें राशन कराने जैसे सेवा कार्यों में लगी एसोसिएशन ने दिवाली पर एक और अनोखे कार्य की शुरुआत की।
एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य अपने प्रधान राकेश भाटिया व महासचिव संजय अरोड़ा के साथ प्रमुख चौराहे हार्डवेयर चौक के गोल चक्कर के पास खड़े हो गए और वहां से जर्जर अथवा पुरानी साइकिल पर गुजरते एक के बाद एक कई लोगों को रोक कर नई साइकिलें भेंट कर दी। एक गरीब आदमी जो वर्षों से पुरानी साइकिल पर ही काम-धंधे के लिए घर से निकलता है, उन्हें एक दम से नई साइकिल मिल जाए, तो यह उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए काफी थी।
नई साइकिल पाए विनय कुमार जो अपनी बेटी संग जा रहे थे, उन्हें जब रोका गया, तो वो हैरान रह गए। खैर उनसे जब जानकारी जुटा कर नई साइकिल दी गई, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। इसी तरह से श्रमिक राम आशीष व नारले चंद को भी अचानक रोक कर नई साइकिलें दी गई। इन सब का वेतन सात-आठ हजार के अासपास था और इन पर अपने परिवार के सदस्यों के पालन-पोषण का भार था। ऐसे में नई साइकिल लेना उनके लिए मुश्किल था। सभी ने संस्था के निस्वार्थ भाव से किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें तो दिवाली पर बिन मांगें ही उपहार मिल गया है।
जरुरतमंदों के चेहरे पर आयी मुस्कान
इसी तरह से 15 लोगों को नई कमीज, एक को नया सूट, सड़क दुर्घटना में एक घायल बच्चे की दवाईयों के लिए पांच हजार रुपये की दवाई, एक मधुमेह पीड़ित महिला को 100 की संख्या वाला शूगर स्ट्रिप्स से भर बॉक्स और अपनी टिफिन सेवा के तहत भोजन के साथ-साथ बुजुर्गों को मिठाई भी भिजवा कर दिवाली की खुशियों को साझा किया।
ऐसे आया आइडिया
बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान -राकेश भाटिया ने बताया कि राह चलते साइकिल सवारों को साइकिल की दशा देख कर अचानक ही उन्हें नई साइकिल देने का आइडिया हमारी संस्था के एक सदस्य का था। उनका मानना था कि ऐसे श्रमिकों की टूटी-फूटी साइकिल की तरफ जहां वो काम करते हैं, उनके संचालकों को भी शायद नजर नहीं जाती। हमें आइडिया अच्छा व अनोखा लगा और इसे अब मूर्तरूप दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि अब हम हर महीने पर ऐसी नई साइकिलें वितरित करेंगे। दान देने वालों की कमी नहीं है, बस दानवीरों की यह चाहत होती है कि उनके पैसे का सही उपयोग हो जाए। हमें इन कार्यों में संजीव ग्रोवर, रेनू राजन भाटिया, पार्षद दिनेश भाटिया, मनोहर खत्री, रवि भाटिया चंडीगढ़, राजन भाटिया, राजेश भाटिया, तरुण, सतपाल गाबा, योगराज, लोचन भाटिया, नीरज कथूरिया, ट्रैफिक ताऊ वीरेंद्र बल्हारा व अन्य ने सहयोग किया।
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