Faridabad News: वाट्सएप पर पुलिस कमिश्नर की डीपी लगाकर चौकी प्रभारी से मांगा महंगा गिफ्ट
Faridabad News फरीदाबाद में वाट्सएप पर पुलिस आयुक्त की डीपी लगाकर चौकी प्रभारी से ठगी की कोशिश करने वाले शख्स के खिलाफ साइबर थाना बल्लभगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। साइबर ठगों ने वाट्सएप पर पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा की डीपी लगाकर चौकी प्रभारी से ठगी की कोशिश की। एसआइ को भनक लग गई कि दाल में कुछ काला है और ठगी से बच गए। उन्होंने अज्ञात शख्स के खिलाफ साइबर थाना बल्लभगढ़ में आइटी एक्ट व धोखाधड़ी की कोशिश का मुकदमा दर्ज कराया है। चांदपुर पुलिस चौकी में प्रभारी एसआइ तुषाकांत ने बताया कि पुलिस की तरफ से दिए गए सीयूजी नंबर पर उनके पास एक वाट्सएप मैसेज आया।
'मैं आइपीएस विकास अरोड़ा हूं'
मैसेज करने वाले ने मोबाइल पर पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा की डीपी लगाई हुई थी। मैसेज में तुषाकांत से पूछा गया कि तुम कहां हो। तुषाकांत ने सवाल किया कि तुम कौन हो। उन्हें जवाब मिला कि मैं आइपीएस विकास अरोड़ा हूं। इस समय मीटिंग में व्यस्त हूं और फोन नहीं उठा सकता। आप मुझे अमेजन गिफ्ट वाउचर भेज दें।
यह मैसेज देखकर तुषाकांत को संदेह हो गया और उन्होंने साइबर थाना बल्लभगढ़ को शिकायत दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
डीसीपी हेडक्वार्टर ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
साइबर ठग फिशिंग ईमेल या मैसेज कर सरकारी कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं। इससे बचने के लिए डीसीपी हेडक्वार्टर नितिश अग्रवाल ने पुलिस सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें बताया गया था कि सरकारी कर्मचारियों को एक फर्जी ईमेल भेजा जाता है। जिसका विषय होता है आपके लिए खास सदेश। यह असली ईमेल से मिलता-जुलता होता है।
इसी तरह विभाग के बड़े अधिकारी की डीपी लगाकर वाट्स-एप से संदेश भेजते हैं। कर्मचारी इसे असली ईमेल समझकर क्लिक कर देते हैं। क्लिक करते ही उनका यूजर नेम, पासवर्ड और अकाउंट संबंधित कई जानकारियां साइबर ठगों तक पहुंच जाती हैं। जिनका साइबर ठग गलत प्रयोग करते हैं।
संदेहजनक मैसेज आने पर बरते ये सावधानियां
डीसीपी हेडक्वार्टर नितिश अग्रवाल ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी संदेहजनक ईमेल या वाट्सएप को न खोलें और न ही उसका उत्तर दें। ईमेल के साथ भेजी गई अटैचमेंट खोलने से पहले स्कैन करें। अगर किसी को लगता है कि कोई संदेहजनक ईमेल प्राप्त हुई है तो अपना आइडी और पासवर्ड तुरंत बदल लें।