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Faridabad-Gurugram Metro Train: जानिये- फरीदाबाद-गुरुग्राम मेट्रो की DPR में बदलाव पर क्यों मचा है बवाल

Faridabad-Gurugram Metro Train एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा फरीदाबाद से गुरुग्राम तक प्रस्तावित मेट्रो का स्टेशन शहीद बाबा दीप सिंह चौक के पास ही बनाने की मांग कर रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 09:57 AM (IST)
Faridabad-Gurugram Metro Train: जानिये- फरीदाबाद-गुरुग्राम मेट्रो की DPR में बदलाव पर क्यों मचा है बवाल
Faridabad-Gurugram Metro Train: जानिये- फरीदाबाद-गुरुग्राम मेट्रो की DPR में बदलाव पर क्यों मचा है बवाल

नई दिल्ली/फरीदाबाद [बिजेंद्र बंसल/सुशील भाटिया]। फरीदाबाद और गुरुग्राम के बीच मेट्रो संचालन का प्रस्ताव सामने आ चुका है, लेकिन गुरुग्राम मेट्रो की कनेक्टिविटी एनआइटी विधानसभा क्षेत्र के पास करने का मुद्दा गर्माने लगा है। एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा फरीदाबाद से गुरुग्राम तक प्रस्तावित मेट्रो का स्टेशन शहीद बाबा दीप सिंह चौक के पास ही बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। विधायक नीरज शर्मा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मुलाकात कर अपनी मांग रखी और मेट्रो रूट में बदलाव को लेकर ज्ञापन भी दिया। इसके अलावा, वह कई मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों से भी गुहार लगा चुके हैं। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा भी एनआइटी विधायक नीरज शर्मा के तर्कों से सहमत हैं।

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विधायक का कहना है कि एनआइटी विस में गरीब और मजदूर तबके के लोगों की संख्या अधिक है। शहीद बाबा दीप सिंह चौक पर मेट्रो स्टेशन बनता है, तो इसका फायदा एनआइटी के साथ-साथ बल्लभगढ़ विस क्षेत्र के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने हैरानी जताई कि डीएमआरसी ने फरीदाबाद से गुरुग्राम तक मेट्रो चलाने के लिए जो डीपीआर बनाई है, उसमें एक भी स्टेशन एनआइटी विधानसभा क्षेत्र में नहीं है, जबकि बड़खल विधानसभा में जहां से मेट्रो के स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, वहां आबादी ज्यादा है और जगह नहीं है। ऐसे में मेट्रो अंडर ग्राउंड जाएगी। मेट्रो लाइन के लिए हार्डवेयर से शहीद बाबा दीप सिंह चौक मार्ग मुफीद जगह है, यहां काफी जगह है, साथ ही एयरफोर्स रोड प्रदूषण के मामले में देश की हाटस्पाट जगह है। यहां से मेट्रो गुजरने से न सिर्फ प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि मेट्रो लाइन ओवर हेड जाने से लागत में भी कमी आएगी। विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि मेट्रो रूट का एक स्टेशन बाबा दीप सिंह चौक (प्याली चौक) पर होना चाहिए। यहां स्टेशन बनाने पर राजस्व में इजाफा होगा और जाम की समस्या भी किसी हद तक काबू में आ जाएगी। विधायक नीरज शर्मा के मुताबिक, स्मार्ट सिटी के तहत पहले जो भी विकास कार्य हो रहे हैं, उसमें एनआइटी विधानसभा को अछूता रखा गया है और अब मेट्रो की डीपीआर में बदलाव कर एनआइटी विस क्षेत्र के लोगों को इस सुविधा से वंचित रखने की जानकारी मिली है। यह जिले के एक बड़े तबके के साथ अन्याय होगा।

आखिर क्यों नाराज हैं विधायक नीरज शर्मा

नई डीपीआर में मेट्रो का एनआइटी विधानसभा क्षेत्र से सीधा जुड़ाव नहीं होगा। रूट एक और दो में प्याली चौक से सैनिक कॉलोनी होते हुए गुरुग्राम मार्ग पर मेट्रो रेल लाइन जानी थी, मगर अब यह लाइन बाटा चौक से सीधे फरीदाबाद स्थित अरावली गोल्फ कोर्स होते हुए सैनिक कॉलोनी (बड़खल एन्क्लेव) से गुरुग्राम मार्ग पर जाएगी। यही वजह है कि एनआइटी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने नए रूट पर आपत्ति जताई है।

विधायक की आपत्ति व सुझाव

यह मेट्रो लाइन यदि एनआइटी क्षेत्र में प्याली चौक होते हुए जाती तो तीन फायदे होते। एक तो अरावली गोल्फ कोर्स का पर्यावरण खराब नहीं होता। अंडरग्राउंड लाइन डालने से करीब एक हजार करोड़ रुपये परियोजना की लागत बढ़ रही है। तीसरे प्याली चौक मेट्रो स्टेशन से बल्लभगढ़ और एनआइटी विधानसभा क्षेत्र के करीब दस लाख लोग सीधे कनेक्ट हो सकते थे।

यह भी जानिए

  • दिल्ली से सटे फरीदाबाद-गुरुग्राम के बीच मेट्रो रेल कनेक्टिविटी के लिए कॉरिडोर पर काम शुरू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2015 में इसका एलान किया था और अब मेट्रो प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआ) तैयार हो चुकी है।
  • रूट में आठ मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनमें से दो अंडरग्राउंड और छह एलीवेटिड लाइन डलेंगी। बाटा चौक से गोल्फ कोर्स रोड तक दो लाइन अंडरग्राउंड लाइन होंगी।
  • मेट्रो रूट की लंबाई 30.38 होगी। 
  • 2017 में रूट एक व दो के आधार पर बनाई गई डीपीआर से नई डीपीआर की लागत 449 करोड़ रुपये अधिक है। इस डीपीआर में भूमि अधिग्रहण और रेल लाइन की लागत है।
  • नई डीपीआर के अनुसार मेट्रो लाइन का काम 2023 तक पूरा होगा।
  • दो मेट्रो लाइन अंडरग्राउंड और छह एलीवेटिड होंगी
  • मेट्रो कॉरिडोर की लागत नई डीपीआर में तकरीबन 1000 करोड़ रुपये बढ़ी है।
  • साल 2017 में डीपीआर 5900 करोड़ रुपये की थी, जबकि अब डीपीआर 6900 करोड़ रुपये की तैयार की गई है।

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