हरफनमौला कलाकार रामलीला मंच पर एक से अधिक कलाकारों का किरदार कर रहे सार्थक
रामलीला मैदानों में इन दिनों अलग-अलग तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं। यहां एक ही व्यक्ति कई किरदारों में अपने अभिनय का लोहा मनवा रहा है तो दूसरा मंच को सशक्त बनाकर कलाकारों को भूमिका अदा करने के लिए माहौल प्रदान कर रहा है।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। रामलीला मैदानों में इन दिनों अलग-अलग तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं। यहां एक ही व्यक्ति कई किरदारों में अपने अभिनय का लोहा मनवा रहा है तो दूसरा मंच को सशक्त बनाकर कलाकारों को भूमिका अदा करने के लिए माहौल प्रदान कर रहा है।
श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के मंच पर राम, लक्ष्मण, सीता, रावण के किरदार निभाने वाले क्रमश: मोहित, अनिल चावला, योगंधा वशिष्ठ व श्रवण चावला जहां अपने शानदार अभिनय व संवाद अदायगी से हमेशा दर्शकों की वाहवाही लूटते हैं, वहीं कुछ ऐसे चेहरे हैं, जो एक से अधिक किरदारों को सार्थक कर मंच को सशक्त बनाने में अपना बखूबी योगदान दे रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से राजकुमार ढींगड़ा, अजय खरबंदा, दिनेश सहगल, विजय कंठा, कशिश चावला, कैलाश चावला, मनोज नरूला, प्रमोद मग्गू, मंगल सेन अरोड़ा शामिल हैं।
राजकुमार ढींगड़ा इन दिनों विभीषण की भूमिका निभाते नजर आते हैं, इससे पहले राजा जनक के दरबार में भाट की भूमिका निभा चुके हैं। अजय खरबंदा कला निर्देशक के रूप में मंच की साज सज्जा को देखने के साथ-साथ राजा दशरथ और बाली की भूमिका में नजर आते हैं, तो दिनेश सहगल तिहरी भूमिका में हैं। राजा जनक, राक्षस राज खर के साथ-साथ इन दिनों निकुंभ का किरदार निभा रहे हैं।
दिनेश सहगल अपनी भूमिकाओं का निर्वाह करने के दौरान बालीवुड के महान चरित्र अभिनेताओं में शुमार रहे प्राण व अजीत की आवाज में जब संवाद बोलते हैं, तो दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनको खूब दाद देते हैं। इसी तरह से कशिश चावला ने शुरुआत में मातृ-पितृ भक्त श्रवण कुमार का जानदार किरदार निभाया, तो अब अंगद के किरदार में भी जान डाली।
श्रवण कुमार के पिता शांतनु बनने के बाद कैलाश चावला अब हनुमान की सशक्त भूमिका में हैं। मनोज नरूला ने ताड़का व दुशासन की भूमिका निभाई, तो प्रमोद मग्गू ने परशुराम जैसे सशक्त किरदार को निभा कर वाहवाही लूटी। सीता स्वयंवर प्रसंग में लक्ष्मण के साथ उनकी संवाद अदायगी देखते ही बनती थी। मंगलसेन अरोड़ा ऋषि वशिष्ठ व माल्यवान की भूमिका में हैं। मुख्य निर्देशक अनिल चावला के अनुसार इन सभी कलाकारों के बिना तो हमारा मंच अधूरा है, यह सभी मंच की जान हैं और इतने अनुभवी हैं कि एक बार उन्हें बता दिया जाए कि उन्हें यह किरदार निभाना है, तो फिर थोड़े समय के पूर्वाभ्यास में ही अपने आप को तैयार कर लेते हैं।
विजय कंठा खूब किए जा रहे पसंद
लंका नरेश रावण के तेजस्वी व प्रतापी पुत्र मेघनाद की भूमिका में विजय कंठा खूब पसंद किए जा रहे हैं। युद्ध के मैदान व रावण दरबार में अंहकारी स्वभाव के साथ खास अंदाज में अट्टास करने का उनका हर कोई मुरीद हैं।
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