खोरी के बाद अब अरावली वन क्षेत्र के 500 हेक्टेयर से हटेगा अतिक्रमण, 130 अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर
खोरी क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब अरावली वन क्षेत्र सहित जिले की पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (पीएलपीए) के तहत चिह्नित पूरी जमीन से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इसके लिए सभी अवैध फार्म हाउस शिक्षण संस्थान व अन्य निर्माण मालिकों को चार दिन का नोटिस दिया जाएगा।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। खोरी क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब अरावली वन क्षेत्र सहित जिले की पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (पीएलपीए) के तहत चिह्नित पूरी जमीन से अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इसके लिए सभी अवैध फार्म हाउस, शिक्षण संस्थान व अन्य निर्माण मालिकों को चार दिन का नोटिस दिया जाएगा। इस बीच निर्माणकर्ता स्वयं अपने अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यह जानकारी जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में बुधवार को प्रैस वार्ता में दी। इस दौरान निगमायुक्त डा. गरिमा मित्तल, डीसीपी एनआइटी डा. अंशु सिंगला व जिला वन अधिकारी राजकुमार भी मौजूद थे।
वन विभाग नोडल विभाग नियुक्त
उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग इस मामले में नोडल विभाग है और जिला वन अधिकारी की तरफ से सभी को क्षेत्रों को नोटिफाई किया गया है। इस मुद्दे पर पिछले वर्ष जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को भी रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसके अलावा पूरे क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे भी करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश में यह स्पष्ट है कि पीएलपीए की जमीन को पूरी तरह से अवैध कब्जों से मुक्त करवाया जाए। उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने के बाद अगर अवैध निर्माण को मालिक स्वयं नहीं हटाता है तो प्रशासन उसे हटाने की कार्रवाई करेगा और उसका खर्च भी मालिक से ही वसूल किया जाएगा।
500 हेक्टेयर पर अतिक्रमण
जिला वन अधिकारी राजकुमार ने कहा कि जिले में पीएलपीए की लगभग 5430 हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 500 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है। इस जमीन पर 130 से 140 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं। निगमायुक्त डा. गरिमा मित्तल ने बताया कि नगर निगम की तरफ से हर तरह की सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।