मौत के मुहाने पर संक्रमण को मात देकर स्वस्थ हुए 70 वर्षीय चास्कर
70 साल के एसएम चास्कर को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि दो जुलाई को हुई और ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए। करीब 21 दिन भर्ती रहने के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गए हैं।
फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]। कोरोना वायरस का संक्रमण बुजुर्ग व्यक्ति के लिए जानलेवा है और बुजुर्ग का एक बार संक्रमण की चपेट आने के बाद उसके चक्र से सकुशल निकलना बहुत ही मुश्किल है। कई बुजुर्ग मरीज को कोरोना से संक्रमण से जीवन की जंग हार भी चुके हैं। यदि मरीज कई बीमारियां हो और वह वेंटिलेटर पर चला जाए, तो स्वजन जीवन की उम्मीद ही छोड़ देते हैं, लेकिन एनआइटी तीन में रहने वाले 70 वर्षीय एसएम चास्कर मौत के मुहाने तक पहुंचकर कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए हैं। अब वह अपने छोटे भाई श्रीकांत चास्कर के परिवार के साथ 31 जुलाई को अपना 71वां जन्म दिवस मनाएंगे।
दो जुलाई को हुई थी वायरस की पुष्टि
एसएम चास्कर को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि दो जुलाई को हुई थी और ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। करीब 21 दिन अस्पताल में भर्ती रहे थे और 23 जुलाई को कोरोना के संक्रमण के चक्र तोड़कर घर वापस लौटे थे। एसएम चास्कर ने बताया कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उनकी स्थिति में कई बार उतार-चढ़ाव आए। इनमें से आठ दिन वेंटिलेटर पर मौत से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। एक बार उन्हें खुद भी लगा था कि अब वह स्वस्थ होकर घर नहीं लौट पाएंगे। घर पर एसएम चास्कर का जन्मदिन मनाने के लिए तैयारी की जा रही हैं।
कई बीमारियों से घिरे हुए हैं
एसएम चास्कर ने बताया कि उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है और स्टेंट डला हुआ है और गाल ब्लैडर भी निकाला जा चुका है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज हैं।
एक बार छोड़ दी थी उम्मीद
छोटे भाई श्रीकांत चास्कर ने बताया कि उन्हें जब पता चला कि उनके बड़े भाई को वेंटिलेटर के जरिए कृत्रिम सांस दी जा रही है। उस समय में काफी उदास हो गए थे। वेंटिलेटर पर जाने के बाद उम्मीदें छोड़ दी थी और भगवान से उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना करते थे। उपचार के दौरान प्लाज्मा चढ़ाने की बात हुई थी, लेकिन उससे पहले ही एसएम चास्कर में सुधार होने लगा था।
पत्नी और बेटा नहीं है इस दुनिया
एसएम चास्कर अपने छोटे भाई श्रीकांत के साथ ही रहते हैं। ढाई वर्ष पूर्व उनकी पत्नी छोड़कर चली गई थी और 15 वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में बेटा इस दुनिया को अलविदा कह गया था। इसके बाद वह बिल्कुल अकेले हो गए थे। उसके बाद श्रीकांत अपने भाई को साथ ले आए थे।