मोटर-यान अधिनियम से हेलमेट इंडस्ट्री को मिली ऑक्सीजन
यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मोटे जुर्माने का प्रावधान करने वाले मोटर-यान अधिनियम 2019 ने हेलमेट बाजार को ऑक्सीजन दे दी है।
हरेंद्र नागर, फरीदाबाद : यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मोटे जुर्माने का प्रावधान करने वाले मोटर-यान अधिनियम 2019 ने हेलमेट इंडस्ट्री को ऑक्सीजन दे दी है। हेलमेट की बिक्री में 50 फीसद तक की वृद्धि हुई है। अचानक बढ़ी बिक्री से हेलमेट दुकानदारों की बांछें खिल गई हैं। मांग में वृद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूर्ति करने के लिए निर्माताओं को अतिरिक्त कारीगर लगाने पड़ रहे हैं। महिलाओं के हेलमेट की मांग में खासतौर से वृद्धि हुई है। मोटर यान अधिनियम 2019 के तहत बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है। महिलाओं के लिए उतारा पिक हेलमेट
बाटा चौक के पास ब्रांडेड हेलमेट का शोरूम चलाने वाले अजय दुआ ने बताया कि पहले महिलाओं के हेलमेट की बिक्री ना के बराबर होती थी। मगर जब से नया अधिनियम लागू हुआ है, महिलाओं के हेलमेट की बिक्री में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। स्कूटी चलाने वाली महिलाओं के साथ ही मोटरसाइकिल पर पुरुष के पीछे बैठकर चलने वाली महिलाएं भी हेलमेट खरीद रही हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को ध्यान में रखकर ब्रांडेड कंपनियों ने पिक (गुलाबी रंग के) हेलमेट बाजार में उतारे हैं। ये हेलमेट भार में हल्के होने के साथ ही मजबूत हैं और महिलाओं के सिर को ध्यान में रखकर बनाए हैं। इनकी कीमत 800 रुपये से शुरू होकर 1500 तक है। महिलाओं को ये खूब भा रहे हैं। अधिकतर महिलाएं पिक हेलमेट की मांग करती हैं। इसके अलावा लाल व सफेद रंग के हेलमेट भी महिलाओं को भा रहे हैं। दुआ ने बताया कि पहले दिन में सभी तरह के हेलमेट की औसतन 10 से 15 की बिक्री हो रही थी, मगर अब औसतन 20 से 25 हेलमेट रोजाना बिक रहे हैं, किसी दिन यह संख्या इससे भी अधिक हो जाती है। फैक्ट्रियों को ऑर्डर पूरा करना हो रहा मुश्किल
गुरुकुल औद्योगिक क्षेत्र में स्टैंडर्ड हेलमेट की फैक्ट्री चलाने वाले सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मोटर-यान अधिनियम लागू होने के बाद से उन्हें ऑर्डर पूरा करना मुश्किल हो रहा है। अब हेलमेट की मांग इतनी बढ़ गई है कि उसके बराबर पूर्ति नहीं हो पा रही है। ऑर्डर पूरा करने के लिए उन्हें अतिरिक्त कारीगर लगाने पड़े हैं। उन्होंने बताया पहले 500 से 700 पीस का उत्पादन प्रतिदिन कर रहे थे, अब उन्हें करीब हजार पीस रोजाना उत्पादन करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि मांग इससे भी अधिक है। सुरेंद्र सिंह यादव की मानें तो इस वक्त फरीदाबाद में रोजाना 10 हजार हेलमेट की मांग है। पहले रोजाना मांग पांच हजार तक होती थी।