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मेहंदी कारोबारी हत्याकांड सुलझा, मुख्य आरोपित गिरफ्तार

मेहंदी कारोबारी अंकित अमर हत्याकांड क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने सुलझा लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 07:25 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:22 AM (IST)
मेहंदी कारोबारी हत्याकांड 
सुलझा, मुख्य आरोपित गिरफ्तार
मेहंदी कारोबारी हत्याकांड सुलझा, मुख्य आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : मेहंदी कारोबारी अंकित अमर हत्याकांड क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने सुलझा लिया है। ऑडी क्यू-7 कार लूटने के लिए कुख्यात कार चोर शरद पांडेय उर्फ काली (उत्तम नगर दिल्ली निवासी) ने तीन साथियों संग वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने शरद पांडेय को तिहाड़ जेल दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। उसने बाकी तीन साथियों के नाम सोनीपत निवासी विजय फरमाना, दीपक उर्फ भांजा और अमित लांबा बताए हैं। इनमें से विजय फरमाना नीमका जेल में है, वहीं दीपक और अमित तिहाड़ जेल दिल्ली में। पुलिस तीनों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ करेगी। 8 जून 2016 को मेहंदी कारोबारी अंकित अमर की उनके सेक्टर-16ए स्थित घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की कई टीमों ने मामले की जांच की, मगर सुराग नहीं लग रहा था। वारदात की सीसीटीवी फुटेज सहित कई अन्य साक्ष्यों से इंस्पेक्टर संजीव कुमार को विश्वास था कि यह कार लूट का मामला है। तीन साल से वे इसी एंगल पर जांच में जुटे थे, अब आरोपितों तक पहुंचे।

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एसीपी क्राइम अनिल कुमार ने जानकारी दी कि शरद पांडेय दिल्ली-एनसीआर में लग्जरी कारें लूटने व बेचने का गिरोह चलाता है। विजय फरमाना, दीपक उर्फ भांजा और अमित लांबा उसके गिरोह के सदस्य हैं। उन्होंने सेक्टर-16ए में अंकित की ऑडी क्यू-7 कार उनके घर के बाहर खड़ी देखी थी। इस कार की कीमत करीब 75 लाख रुपये है। 7 जून 2016 को बदमाशों ने अंकित अमर की रेकी कर उनके आने-जाने का समय पता लगाया। 8 जून 2016 को वे इनोवा कार व मोटरसाइकिल लेकर आधा घंटा पहले अंकित के घर के पास पहुंच गए। उन्होंने इनोवा में शराब भी पी। जैसे ही अंकित कार लेकर आए दीपक, शरद पांडेय और विजय फरमाना मोटरसाइकिल पर पीछे-पीछे पहुंच गए। उन्होंने कार की चाबी छीनने की कोशिश की, जिसका अंकित ने विरोध किया। छीना झपटी में शरद पांडेय ने अंकित पर गोली चला दी। जो उनके पेट में लगी। इसके बाद चारों फरार हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान अंकित अमर की मौत हो गई थी। करीब तीन साल पुराना हत्याकांड का मामला सुलझाया है। यह क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता है।

-अनिल कुमार, एसीपी क्राइम


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