मंडियों में खुले में पड़े गेहूं के भीगने की बनी हुई आशंका
मंगलवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। मंडियों में लाखों कट्टे गेहूं के खुल में पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : मंगलवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। मंडियों में ढुलाई तेज न होने के कारण खुले में गेहूं के लाखों कट्टे पड़े हुए हैं। यदि बारिश हो गई तो ये कट्टे भीग जाएंगे। हालांकि सरकार ने गेहूं के भीगने को लेकर संबंधित आढ़ती और मार्केट कमेटी के सचिव की जिम्मेदारी तय कर दी है, लेकिन दोनों जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं।
फरीदाबाद में मोहना मंडी, बल्लभगढ़, फतेहपुर बिल्लौच, तिगांव, ओल्ड फरीदाबाद सेक्टर-16 और एनआइटी फरीदाबाद डबुआ मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद की जा रही है। अब तक जिले में सात लाख कुंतल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जबकि ढुलाई के नाम पर अब तक सिर्फ पांच लाख कट्टा की हो पाई है। मंगलवार को बादल छाए होने से गेहूं के भीगने के डर को लेकर आढ़तियों के दिलों की धड़कन तेज रही। यदि गेहूं भीग गया, तो एजेंसी जमा नहीं करेगी। यदि जमा करेगी, तो लस्टर लास काटेगी। अब और सरकार ने गेहूं के भीगने पर आढ़ती व मार्केट कमेटी के सचिव को तिरपाल आदि से ढक कर गेहूं को बचाने के लिए कह दिया है। यदि गेहूं भीगा, तो नुकसान उन्हें उठाना पड़ेगा। गेहूं की ढुलाई एजेंसी नहीं करे और मंडी में डाले रखे, तो इसके लिए आढ़ती की क्या जिम्मेवारी है। आढ़ती तो गेहूं को खरीदने के तुरंत बाद एजेंसी के गोदाम में जमा कराने के लिए तैयार है, एजेंसी उठान करे।
-सुशील भारद्वाज, प्रधान व्यापारी एसोसिएशन अनाज मंडी बल्लभगढ़ मार्केट कमेटी के सचिव की गेहूं खरीदने के लिए 48 घंटे तक जिम्मेवारी होती है। यदि 48 घंटे से ज्यादा समय तक एजेंसी गेहूं को मंडी में डाल कर रखेगी, तो उसके लिए सचिव की कोई जिम्मेवारी नहीं है। हमने एजेंसियों से बार-बार अनाज की ढुलाई के लिए कहा, लेकिन ढुलाई नहीं कर रहे। ट्रांसपोर्टर के पास ट्रक भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। यदि बारिश हुई और गेहूं भीगा, तो एजेंसी स्वयं जिम्मेवार होगी।
-ऋषि कुमार, सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी मार्केट कमेटी बल्लभगढ़