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कोहरे में बड़े काम के होते हैं छोटे उपकरण

ठंड के साथ ही कोहरे की भी शुरुआत हो चुकी है। आने वाले दिनों में कोहरा और बढ़ेगा इससे सड़कों पर सुरक्षित आवाजाही में दिक्कतें भी बढ़ जाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:18 AM (IST)
कोहरे में बड़े काम के होते हैं छोटे उपकरण
कोहरे में बड़े काम के होते हैं छोटे उपकरण

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : ठंड के साथ ही कोहरे की भी शुरुआत हो चुकी है। आने वाले दिनों में कोहरा और बढ़ेगा, इससे सड़कों पर सुरक्षित आवाजाही में दिक्कतें भी बढ़ जाएंगी। कोहरे के दौरान ²श्यता कम होने से देशभर रोजहजारों हादसें होते हैं, जिनमें कितनी ही जानें चली जाती हैं। ऐसे में कोहरे के दौरान सावधानी से ड्राइविग करना बेहद जरूरी है। ऐसा करके वाहन चालक न केवल अपना बल्कि दूसरों का जीवन भी बचा सकते हैं। कंपनियों द्वारा वाहनों में कई ऐसे छोटे-छोटे उपकरण लगाए जाते हैं, जो कोहरे के दौरान बेहद मददगार साबित हो सकते हैं। आइये जानते हैं क्यों जरूरी हैं ये उपकरण। हेलमेट व सीट बेल्ट

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हेलमेट व सीट बेल्ट वाहनों में सुरक्षा के प्राथमिक उपकरण हैं, जोकि कोहरा या सामान्य मौसम में अनिवार्य हैं। विशेषज्ञों ने भी माना है कि केवल सीट बेल्ट व हेलमेट के प्रयोग से हादसे के बाद भी कई जानें बच सकती हैं। मगर लोग इनकी ही अनदेखी कर देते हैं। फॉग लाइट

कोहरे के दौरान दोपहिया वाहनों के साथ ही सभी बड़े वाहनों के लिए फॉग लाइट एक जरूरी उपकरण है। यह लाइट वाहन के सामने हेडलाइट के साथ लगाई जाती है। इसकी रंगीन लाइट कोहरे को चीरकर वाहन चालक को रास्ता देखने योग्य बना देती है। अगर फॉग लाइट लगी हो तो कोहरे के दौरान भी दूर से ही पता चल सकता है कि सामने से कोई वाहन आ रहा है। यातायात पुलिस की मानें तो कोहरे के दौरान ज्यादातर हादसे आमने-सामने की टक्कर से होते हैं। इनमें नुकसान भी सबसे ज्यादा होता है। फॉग लाइट से इन हादसों से बचा जा सकता है। बाजार में फॉग लाइट की कीमत दोपहिया वाहनों के लिए 250 से 500 रुपये और अन्य वाहनों के लिए 750 से दो हजार रुपये तक है। बीम लाइट

कुछ समय पहले तक बीम लाइट डिस्को या किसी समारोह स्थलों पर प्रयोग होती थीं। बीम लाइट की खासियत इसका लंबा फोकस है, जिसे दूर से ही देखा जा सकता है। अब बीम लाइट को थोड़ा छोटा कर वाहनों पर भी प्रयोग किया जा रहा है। वाहनों पर इसे हेड लाइट पर लगाने के अलावा कुछ लोग छत पर भी लगाते हैं। यह कोहरे के दौरान वाहनों को दूर से ही नजर आने योग्य बनाती है। कारों के लिए इनकी कीमत ढाई हजार रुपये से सात हजार रुपये तक है। रेडियम स्टीकर्स

कोहरे के दौरान रेडियम स्टीकर्स हादसे रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। बेहद कम कीमत में मिलने वाले ये स्टीकर्स बहुत काम के होते हैं। इन्हें वाहनों पर चारों तरफ चिपकाया जा सकता है। इनकी खासियत है अंधेर में लाइट पड़ते ही चमक उठना। पुलिस व यातायात के लिए काम करने वाली संस्थाएं कोहरे के दौरान रेडियम स्टीकर्स निशुल्क बांटती हैं। रात में पैदल या साइकिल पर चलने वाले लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं। लोग इन्हें अपनी जैकेट पीछे चिपका सकते हैं। रात में पीछे से आ रहे वाहनों को दूर से ही पता चल जाता है कि सामने कोई जा रहा है। बाजार में ये 100 से 500 रुपये तक में उपलब्ध हैं। डे-टाइम रनिग लाइट्स

डे-टाइम रनिग लाइट्स दो पहिया वाहनों के साथ ही कारों में आगे-पीछे लगाए जा सकते हैं। ये इंडिकेटर की जगह लगाए जाते हैं। इन्हें ब्रेक से जोड़ा जाता है। जैसे ही वाहन चालक ब्रेक लगाता है, तो ये तुरंत जल उठते हैं। कोहरे या रात के समय पीछे चल रहे वाहन चालक को पता चल जाता है कि सामने वाहन रुकने वाला है या गति धीमी कर रहा है। इससे वह सतर्क हो जाता है। मोटरसाइकिल के लिए ये 250 से लेकर 400 तक और कार के लिए 800 से 1500 रुपये की कीमत में मौजूद हैं। हॉर्न व इंडिकेटर

ये दोनों कंपनी से ही वाहन के साथ ही लगकर आते हैं। बस जरूरी है कि ये सही तरह काम करते रहें। आमतौर पर इंडिकेटर व हॉर्न खराब होने के बाद लोग इन्हें ठीक नहीं कराते। यह बेहद लापरवाहीपूर्ण रवैया है। कोहरे के दौरान ये बचाव के अहम उपकरण हैं। कोहरे के दौरान अगर वाहन चालक बीच-बीच में हॉर्न बजाता रहे तो आगे-पीछे चल रहे वाहनों को उसकी उपस्थिति का पता चल जाता है। यह बरतें सावधानियां

-कोहरे से बचाव के कुछ उपकरण वाहनों में मौजूद नहीं होते, उन्हें बाहर से लगवाना पड़ता है। ध्यान रखें कि किसी अच्छे मिस्त्री से ही इन्हें लगवाएं।

-कोशिश करें कि अच्छी कंपनी के उपकरण वाहनों में लगाएं। इनकी कीमत में बहुत अधिक अंतर नहीं होता।

-इन उपकरणों का रखरखाव ठीक तरह करें, खराब होने पर बिना लापरवाही किए तुरंत ठीक कराएं।

-कोहरा शुरू होने के साथ ही वाहनों की सर्विस जरूर कराएं, ताकि वाहन ठीक तरह चलता रहे।

-कोई हादसा होने पर तुरंत पुलिस कंट्रोल के 100 नंबर पर डायल करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

-भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोलफ्री नंबर 1033 पर भी सहायता प्राप्त की जा सकती है। कोहरे के दौरान सुरक्षित ड्राइविग के लिए वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान में लोगों को उन उपकरणों की जानकारी भी दी जाएगी जोकि कोहरे के दौरान काम के हो सकते हैं।

-अभिमन्यु लोहान, एसीपी ट्रैफिक


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