छेड़छाड़ के चार दोषियों को तीन साल की सजा
अगस्त 2017 में सूरजकुंड रोड के पास स्थित कृत्रिम झील के पास घूमने आए जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली के पांच छात्रों से मारपीट और उनकी साथी छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने चार युवकों को दोषी ठहराया है। चारों को तीन साल की जेल और छह-छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : अगस्त 2017 में सूरजकुंड रोड के पास स्थित कृत्रिम झील के पास घूमने आए जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली के पांच छात्रों से मारपीट और उनकी साथी छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने चार युवकों को दोषी ठहराया है। चारों को तीन साल की जेल और छह-छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सभी दोषी गांव अनंगपुर के रहने वाले हैं, इनके नाम सचिन उर्फ सत्तू, प्रमोद उर्फ रेहड़ा, दीपक उर्फ कालू और हरीश उर्फ मोरा हैं।
अदालत में पेश मुकदमे के अनुसार 14 अगस्त 2017 को जेएनयू के पांच छात्र और एक छात्रा मोटरसाइकिल व कैब लेकर छात्रा सूरजकुंड क्षेत्र में डेथवैली कृत्रिम झील घूमने आए थे। यहां से लौटते हुए उन्हें रात 9 बज गए। रास्ते में दो युवकों ने उन्हें रोक लिया और लाठी से हमला किया। हमलावर युवकों ने अपने दो और साथियों को बुला लिया। इसके बाद छात्रा पर अश्लील टिप्पणी कर शेड की तरफ खींचकर छेड़छाड़ की। शोर सुनकर कुछ लोग एकत्र हो गए। जिन्होंने छात्रों के दल को हमलावरों से बचाया। इस मामला तब काफी चर्चित हुआ था। छात्रों के दल ने आरोप लगाया कि वे शिकायत लेकर सूरजकुंड थाने पहुंचे तो उनकी शिकायत पर एसआइ ने कार्रवाई नहीं की। तब उन्होंने दिल्ली में जीरो एफआइआर दर्ज कराई। तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. हनीफ कुरैशी ने कार्रवाई न करने वाले सूरजकुंड थाना के सब इंस्पेक्टर को निलंबित भी किया था। बाद में सूरजकुंड थाना पुलिस ने आरोपितों को ढूंढ निकाला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मामला तभी से अदालत में विचाराधीन था।