मंदिर के कपाट बंद, घरों में ही मनेगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
कोरोना संकट के चलते अपने शहर के धार्मिक संस्थानों के कपाट बंद हैं इसलिए भगवान का जन्मोत्सव घर पर ही मनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कोरोना संकट के चलते अपने शहर के धार्मिक संस्थानों के कपाट बंद हैं, इसलिए इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का सार्वजनिक आयोजन मंदिरों में नहीं होगा। इसे देखते हुए भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों ने अपने घरों में ही कान्हा के जन्मोत्सव को हर्षाेल्लास से मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। जन्माष्टमी 12 अगस्त को बुधवार के दिन है और मंगलवार को शहर के बाजार कोरोना के नियम के तहत प्रशासनिक आदेशों के चलते बंद रहेंगे। इस कारण से बहुत से लोगों ने सोमवार को ही बाजारों में जन्माष्टमी से जुड़ी वस्तुओं की आवश्यक खरीदारी की।
कान्हा को सजाने और झूला तैयार करने के लिए साजो-सामान की खूब तैयारी की। श्रद्धालुओं ने अलग-अलग डिजाइनों और रंगों की पोशाकें, माला, कंगन तथा मुकुट की खरीदारी चाव के साथ की। सेक्टरों की मार्केट के साथ ही सोमवार को बल्लभगढ़, एक नंबर तथा पांच नंबर मार्केट में खासी रौनक रही। कान्हा की पोशाकों तथा झूले की विक्रेता मोनिका ने बताया कि उनके यहां रिबन, सितारे और जारजेट से तैयार पोशाक 100 से 400 रुपये तक की है। ऐसे ही अलग-अलग 40 से 50 रुपये तक कीमत के मुकुट और माला हैं। झूलों की भी अलग-अलग कीमतें हैं। इस्कान मंदिर डिजिटल कराएगा श्रद्धालुओं का दर्शन
इस्कान मंदिर सेक्टर-37 से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए भगवान श्रीकृष्ण के जन्म समारोह की डिजिटल व्यवस्था की गई है। मंदिर प्रबंध समिति के प्रमुख व्यवस्थापक गोपेश्वर दास के अनुसार 12 अगस्त को भोर में सुबह 4.30 बजे मंगला आरती और 7.30 बजे दर्शन आरती का सीधा प्रसारण होगा। अभिभावक-संरक्षण ई-अभिषेक व ई-आरती में भाग ले सकेंगे। कृष्णोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें 500 बच्चे लेंगे और इसका प्रसारण रात्रि में 7 बजे से 9.30 बजे तक होगा। कृष्ण कथा-कालिया दमन, महाअभिषेक, 56 भोग और पूरे दिन भव्य कीर्तन का आयोजन होगा। इसे इस्कान फरीदाबाद के यू-ट्यूब चैनल और श्रीश्री राधा गोविद फेसबुक पर डिजिटल रूप से प्रसारित किया जाएगा, इसके लिए पहले से पंजीकृत प्रतिभागियों के लिए जूम व वीबेक्स एप्लीकेशन पर कार्यक्रम प्रसारित होंगे। हमने अपने घर में कान्हा का झूला तैयार किया है। पोशाक और मुकुट मार्केट से खरीदी है। घर में कान्हा का जन्मोत्सव मनाएंगे।
-साक्षी, पांच नंबर एच ब्लाक निवासी। कोरोना के कारण मंदिरों में द्वार बंद हैं, लेकिन हम घर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। इसकी सारी तैयारी कर ली है। घर आंगन को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया जाएगा और घर में ही केक काटा जाएगा।
-दिव्या। मैं यहां पांच नंबर मार्केट में झांकी, मुकुट, पोशाक और माला की खरीदारी करने आई हूं। घर में ही कान्हा जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
-उर्वशी, प्रिसेस पार्क सोसायटी, ग्रेटर फरीदाबाद। घर में ही लड्डू गोपाल को विराजमान किया जाएगा। कृष्ण के भजनों पर हमने नंदगोपाल का जन्मोत्सव मनाने की तैयारी कर ली है।
-साधना गुप्ता, बल्लभगढ़। कोरोना के चलते आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार बंद रहेंगे। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए पंडित याद राम और मंदिर कमेटी के सदस्य कृष्ण जन्माष्टमी सादगी के साथ मनाएंगे।
-अमर बंसल, प्रधान, श्री नीलकंठ महादेव मंदिर। प्रशासनिक आदेशों के चलते मंदिरों के कपाट बंद हैं। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा।
-जगदीश भाटिया, प्रधान श्री वैष्णो देवी मंदिर संस्थान तिकोना पार्क रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद कृष्ण पक्ष के दिन अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। अबकी बार अष्टमी 12 अगस्त को पड़ रही है, पर रोहिणी नक्षत्र 13 अगस्त से शुरू हो रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार जन्माष्टमी 12 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
-पंडित वीके शास्त्री, ज्योतिषाचार्य हां यह ठीक है कि जन्माष्टमी 12 अगस्त को है, पर जिलाधीश के पहले से आदेश हैं, उसके अनुसार मंगलवार को बाजार बंद ही रहेंगे।
-पंकज सेतिया, एसडीएम बड़खल