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स्मार्ट सिटी की हवा कितनी है शुद्ध, बताएंगी फ्रांस की मशीनें

देश के टॉप 10 प्रदूषित नगरों में शुमार औद्योगिक नगरी में जल्द फ्रांस निर्मित 4 प्रदूषण जांच व मापने वाली मशीन लगने वाली हैं। इनके लिए स्थानों का चयन हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 06:05 PM (IST)
स्मार्ट सिटी की हवा कितनी 
है शुद्ध, बताएंगी फ्रांस की मशीनें
स्मार्ट सिटी की हवा कितनी है शुद्ध, बताएंगी फ्रांस की मशीनें

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : देश के टॉप 10 प्रदूषित नगरों में शुमार औद्योगिक नगरी में जल्द फ्रांस में निर्मित प्रदूषण जांच व मापने वाली चार मशीनें लगने वाली हैं। इनके लिए स्थानों का चयन हो चुका है। बल्लभगढ़ बीडीपीओ कार्यालय में पहला प्रदूषण जांच एवं मापक यंत्र लगाना शुरू कर दिया गया है। यहां प्लेटफॉर्म बनाने का काम चल रहा है। यहां 10 से 12 दिन में मशीन काम करना शुरू कर देगी। इस मशीन के माध्यम से एरिया की हवा में ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और वातावरण में मौजूद अन्य गैसों की मात्रा की जानकारी डिस्प्ले स्क्रीन पर देखी जा सकेगी। इससे पहले यह मशीन सेक्टर-58 में लगाने की योजना थी, लेकिन अब बल्लभगढ़ में बीडीपीओ कार्यालय में लगाई जा रही है। एक मशीन की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है।

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दिल्ली-एनसीआर में हर साल तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। फरीदाबाद में इसकी मात्रा 400 के करीब तक पहुंच जाती है जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आती है। इससे लगातार अस्थमा के रोगी बढ़ रहे हैं। चूंकि अब फरीदाबाद स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल है। इसलिए राज्य सरकार ने चार प्रदूषण मापक मशीन स्थापित करने के निर्देश दिए थे। मशीनें लग जाने से निर्धारित इंडेक्स में किस स्तर पर हवा शुद्ध है और कब उसमें प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। ये स्तर पब्लिक डोमेन में रहेगा कोई भी व्यक्ति हवा में मौजूद गैसों का स्तर डिस्प्ले पर देख सकेगा। यहां लगेंगी मशीनें

-बल्लभगढ़ बीडीपीओ कार्यालय

-पुलिस लाइन सेक्टर-30

-ईएसआइ मेडिकल कॉलेज, टाउन नंबर तीन

-आइएमटी, एचएसआइआइडीसी के कार्यालय की छत पर फिलहाल सेक्टर-16ए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय की छत पर ही एकमात्र मशीन लगी हुई है। इस एरिया के अलावा बाकी शहर के प्रदूषण की मात्रा पता नहीं लग पाती। कई बार एकमात्र मशीन भी खराब हो जाती है, जिससे वायु प्रदूषण की सटीक जानकारी अपडेट नहीं हो पाती है। प्रदेश में करीब 21 करोड़ की लागत से 19 मशीनें लगाई जाएंगी।

-विजय चौधरी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।


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