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साक्षात्कार- को¨चग कड़ी चुनौती, बड़ा मौका: रतड़ा

खेल पेज के लिए, पंजाब में भी प्रकाशित कराएं जी। नोट : नेट पर देर रात्रि में डालें जी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Oct 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 02 Oct 2017 03:00 AM (IST)
साक्षात्कार- को¨चग कड़ी चुनौती, बड़ा मौका: रतड़ा
साक्षात्कार- को¨चग कड़ी चुनौती, बड़ा मौका: रतड़ा

खेल पेज के लिए, पंजाब में भी प्रकाशित कराएं जी।

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नोट : नेट पर देर रात्रि में डालें जी।

भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रतड़ा अब पूर्णरूप से प्रशिक्षक की भूमिका में उतर चुके हैं। हरियाणा रणजी टीम के कप्तान रहे और साथ ही गोवा, हिमाचल व त्रिपुरा से भी रणजी ट्राफी खेल चुके अजय रतड़ा को पंजाब रणजी टीम का मुख्य प्रशिक्षक नियुक्त किया गया है। वर्ष 2000 में अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे और विदेशी सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में वेस्टइंडीज के खिलाफ युवा विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में शतकीय पारी खेलने वाले अजय रतड़ा से दैनिक जागरण संवाददाता सुशील भाटिया ने क्रिकेट में उनकी नई पारी के आगाज को लेकर विस्तृत बातचीत की, प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:-

पूर्णकालिक कोच की नई भूमिका के लिए कितने तैयार?

यह मेरे लिए कड़ी चुनौती व कुछ बेहतर करने के लिए बड़ा अवसर है। गोवा और आसाम की अंडर-19 टीम के कोच और पिछले दिनों बेंगलुरू में एनसीए में भारतीय अंडर-19 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण शिविर में मिली जिम्मेदारी से को¨चग का अनुभव ले चुका हूं। अब पंजाब रणजी टीम के मुख्य प्रशिक्षक की जिम्मेदारी मिली है। मैं इसके लिए पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझ पर विश्वास जता कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

आप कुछ समय पूर्व तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खिलाड़ी के रूप में सक्रिय थे, को¨चग का ख्याल कैसे आया ?

मैंने 2007 से 2011 तक गोवा और उसके बाद 2013 सत्र तक त्रिपुरा के लिए रणजी ट्राफी खेली। गोवा के लिए खेलने के दौरान ही वर्ष 2010 में एनसीए से को¨चग का लेवल ए और 2013 में लेवल बी कोर्स कर लिया था। को¨चग से खेल में भी ज्ञान बढ़ा, तभी कोच के रूप में अगली पारी के लिए खुद को तैयार कर लिया था। बेंगलुरू में कैंप के दौरान एनसीए के मुख्य कोच नरेंद्र हिरवानी के साथ काफी वक्त बिताया और सीखने को मिला।

पंजाब टीम में कई बड़े चेहरे हैं, पर प्रदर्शन में गिरावट आई है। गत सत्र में टीम सेमीफाइनल की दौड़ से भी बाहर हो गई, क्या कहेंगे ?

पिछले सत्र में क्या है, मैं उसके बारे में नहीं सोचता। मैं आगे की सोच रहा हूं। पीसीए ने मुझे मुख्य कोच के रूप में जिस टीम की जिम्मेदारी सौंपी है, वह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से युक्त बेहद क्षमतावान टीम है। वर्ष 2000 में श्रीलंका में अंडर-19 विश्वकप विजेता भारतीय टीम में युवराज ¨सह और मैं एक साथ खेले हैं। हरभजन ¨सह भी वरिष्ठ खिलाड़ी हैं, जिन्हें टीम की कमान सौंपी गई है। मैं इनके साथ लंबे समय तक खेला हूं। इसलिए अपनी बात को पहुंचाना आसान हो जाता है। मुझे उम्मीद है कि टीम छह अक्टूबर से हिमाचल प्रदेश के खिलाफ शुरू हो रहे सत्र में बेहतरीन शुरुआत करेगी।

इस सत्र में कौन सी टीम से कठिन चुनौती मान कर चल रहे हैं?

अब क्रिकेट बेहद बदल गई है और किसी को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। सारी टीमें बराबर हैं। बंगाल, विदर्भ, हिमाचल के साथ कड़ा मुकाबला होगा।

आपके क्रिकेट जीवन का सर्वश्रेष्ठ हिस्सा ?

वेस्टइंडीज में 2002 में एंटीगा टेस्ट मैच में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में 115 रन की शतकीय पारी खेली। यह मेरे क्रिकेट जीवन के यादगार लम्हों में से एक है।

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परिचय

नाम : अजय रतड़ा

टेस्ट पदार्पण : वर्ष 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट: छह टेस्ट मैच व 12 एक दिवसीय मैच

प्रथम श्रेणी क्रिकेट: 99 मैच, 4029 रन

रणजी क्रिकेट : 1999 से 2005 तक हरियाणा के लिए

-2007 से 2011 तक गोवा के लिए

-2011 से 2013 तक त्रिपुरा के लिए, बीच में एक सत्र हिमाचल प्रदेश के लिए खेले


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