अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया का पैडलर लाखों की चरस के साथ गिरफ्तार
फरीदाबाद: हांगकांग देश में बैठकर कई देशों में अवैध नशे का कारोबार करने वाले अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया का पैडलर (ड्रग्स लाने-ले जाने वाला) यहां क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 के हत्थे चढ़ा है। उसके पास ट्रॉली सूटकेस में 6.466 किलो चरस बरामद हुई। आरोपित की पहचान काठमाडू नेपाल निवासी सत्यम के रूप में हुई। वह लंबे समय से पिता के साथ हांगकांग में रहता है और वहीं की नागरिकता ली हुई है। पूछताछ में उसने बताया कि चरस उसने अलीगढ़ में एक शख्स से ली थी। वह इसे नेपाल होते हुए हांगकांग लेकर जाता। वहां ड्रग्स माफिया को इसे सौंप देता। उसने चरस की कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई है। क्राइम ब्रांच को मुखबिर से आरोपित के बारे में सूचना मिली। जिसके बाद उसे बदरपुर बॉर्डर के पास एप बेस्ड टैक्सी कंपनी की गाड़ी से दबोच लिया। क्राइम ब्रांच ब्रांच इंस्पेक्टर विमल ने बताया कि आरोपित साल 201
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : हांगकांग में बैठकर कई देशों में नशे का अवैध कारोबार करने वाले अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया का पैडलर (ड्रग्स लाने-ले जाने वाला) यहां क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 के हत्थे चढ़ा है। उसके पास ट्रॉली सूटकेस में 6.466 किलो चरस बरामद हुई। आरोपित की पहचान काठमांडू नेपाल निवासी सत्यम के रूप में हुई। वह लंबे समय से पिता के साथ हांगकांग में रहता है और वहीं की नागरिकता ली हुई है। पूछताछ में उसने बताया कि चरस उसने अलीगढ़ में एक शख्स से ली थी। वह इसे नेपाल होते हुए हांगकांग लेकर जाता। वहां ड्रग्स माफिया को इसे सौंप देता। उसने चरस की कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई है। क्राइम ब्रांच को मुखबिर से आरोपित के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद उसे बदरपुर बॉर्डर के पास एप बेस्ड टैक्सी कंपनी की गाड़ी से दबोच लिया।
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर विमल ने बताया कि आरोपित साल 2018 से अब तक तीन बार अलीगढ़ से चरस लेकर हांगकांग जा चुका है। पुलिस ने अदालत से आरोपित की पांच दिन की रिमांड मांगी है। इस दौरान पुलिस उसे अलीगढ़ में ले जाकर उस शख्स को पकड़ने की कोशिश करेगी, जिससे उसने चरस ली। आरोपित सत्यम की मां लंदन के एक रेस्तरां में प्रबंधक है। वह खुद भी हांगकांग के जॉर्डन शहर में एक रेस्तरां में सुपरवाइजर की नौकरी करता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात वहां नशे का कारोबार करने वाले लोगों से हुई और उनका पैडलर बन गया।
आरोपित के बारे में संबंधित देशों के दूतावास को भी लिखा गया है, ताकि वहां पुलिस मुख्य ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर सके। जांच में सामने आया है कि आरोपित ने अपने सूटकेस को खास तरह से डिजाइन कराया हुआ था। उसमें कुछ इस तरह ड्रग्स को छिपाया जाता कि वह एयरपोर्ट पर जांच में पकड़ में ना आए। पकड़े जाने से बचने के लिए वह हांगकांग लौटते हुए बीच में तीन से चार दिनों तक अलग-अलग होटलों में रुकता था।
-विमल कुमार राय, क्राइम ब्रांच प्रभारी, सेक्टर-30